चमोली ।यहां जिले के मोहन सिंह सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं। उन्हें माउंट आबू में हुई पासिंग आउट परेड में तैनाती मिली है।
चमोली जिले के लुणतारा गांव के रहने वाले मोहन सिंह बिष्ट के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट असिस्टेंट कमांडेंट रह चुके हैं। फिलहाल वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बेटे की इस उपलब्धि पर न सिर्फ पिता बल्कि माता कमला देवी और सभी परिजन बेहद खुश हैं। बता दें कि मोहन सिंह ने प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल से ग्रहण की है।
बाद में राजकीय इंटर कॉलेज घाट से हाईस्कूल व इंटर किया। फिर मोहन सिंह बिष्ट ने पीजी कॉलेज गोपेश्वर से स्नातक एवं परास्नातक में डिग्री हासिल की। सेना में जाने का सपना मन में लिए मोहन ने अर्धसैनिक बल में असिस्टेंट कमांडेंट की ट्रेनिंग पूरी की। फिर मोहन सिंह को दीक्षांत वी शपथ ग्रहण समारोह में सेना का राजपत्रित अधिकारी बनने का मौका मिला
छह अगस्त 2016 को इस पद पर नियुक्त होने के बाद से ही मोहन अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे थे। अब मोहन सिंह बिष्ट केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं। जिससे उनके गांव में जश्न का माहौल है। गौरतलब है कि मोहन सिंह को साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जीद्वारा राष्ट्रपतिवीरता मेडल व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है।
बता दें कि राष्ट्रपति धारा ये सम्मान मोहन को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाते हुए 12 नक्सलियों को मारने के लिए मिला था। इसके अलावा मोहन राष्ट्रीय स्तर की कई पुलिस प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल वी सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। वाकई उत्तराखंड और चमोली के लिए मोहन एक प्रेरणा है।