औली की ढलानों पर होगा स्कीइंग का रोमांच, 23 से 26 फरवरी तक होगी राष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशिप। औली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशिप उत्तराखंड समेत हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली के अलावा आईटीबीपी, एसएसबी की टीमें भाग लेंगी। पूर्व में इस चैंपियनशिप को 2 से 5 फरवरी को आयोजित किया जाना था लेकिन जोशीमठ भू-धंसाव के साथ ही बर्फबारी समय पर नहीं हुई। जिस कारण चैंपियनशिप के आयोजन की तारीख में बदलाव किया गया
जोशीमठ भू-धंसाव के कारण औली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशिप को लेकर बना संशय दूर हो गया है। 2 से 5 फरवरी को होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप को अब 23 से 26 फरवरी आयोजित किया जाएगा। जिससे कई राज्यों के खिलाड़ी औली की ढलानों पर स्कीइंग का रोमांच करेंगे। एंड स्नोबोर्ड एसोसिएशन उत्तराखंड और पर्यटन विभाग ने राष्ट्रीय सीनियर एवं जूनियर अल्पाइन स्की एंड स्नोबोर्ड चैंपियनशिप के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व में इस चैंपियनशिप को 2 से 5 फरवरी को आयोजित किया जाना था लेकिन जोशीमठ भू-धंसाव के साथ ही बर्फबारी समय पर नहीं हुई। जिस कारण चैंपियनशिप के आयोजन की तारीख में बदलाव किया गया।एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशिप की तैयारी चल रही है। मौसम विभाग का 13 व 15 फरवरी को बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। प्रतियोगिता में 250 से 300 प्रतिभागियों के आने की संभावना है। उस हिसाब से औली में ही ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
औली साहसिक खेलों के आयोजन के लिए स्की एंड स्नोबोर्ड एसोसिएशन, आईटीबीपी के साथ चर्चा करने के बाद 23 से 26 फरवरी की तिथि तय की गई है। आयोजन के लिए सभी तैयारियां की जा रही है। – कर्नल अश्वनी पुंरीर, सीईओ साहसिक विंग पर्यटन विभाग
अल्पाइन स्कीइंग सीनियर वर्ग महिला व पुरूष, अंडर-21 बालक व बालिका वर्ग, अंडर-18, अंडर-16, अंडर-14 बालक एवं बालिका वर्ग, स्नोबोर्ड महिला व पुरुष वर्ग, क्रॉस कंट्री प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
इन राज्यों की टीमें लेंगी भाग
उत्तराखंड समेत हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली के अलावा आईटीबीपी, एसएसबी की टीमें भाग लेंगी।बर्फबारी नहीं हुई तो कैसे होगी चैंपियनशिप
इस बार पहले ही बर्फबारी कम हुई है। औली की ढलानों पर बीते दिनों जो बर्फ पड़ी थी। वह धीरे-धीरे पिघल रही है। यदि 15 फरवरी के बाद बर्फबारी नहीं होती है तो चैंपियनशिप कराने की चुनौती रहेगी।