हरिद्वार। पिरान कलियर में दोनों गंगनहरों के बीच स्थित हज़रत पीर गैब अली शाह की दरगाह को यूपी सिंचाई विभाग ने 24 घंटे में हटाने का नोटिस चस्पा किया है। जिससे लोगों के साथ ही अकीदतमंदों में रोष व्याप्त हैं। वहीं दरगाह के खादिम (सेवादार) दरगाह को सैकड़ों सालों से स्थापित होने की बात कहते हुए नोटिस का विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग तृतीय ऊपरी खंड गंगनहर रुड़की की ओर से पिरान कलियर की प्रमुख दरगाहों में शामिल दोनों गंगनहरों के बीच स्थित हजरत पीर गैब अली शाह की दरगाह पर नोटिस चस्पा किया है। नोटिस में लिखा है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तराखंड लोक मार्गों, लोक पार्कों एवं अन्य लोक स्थानों, सार्वजनिक स्थलों/मार्ग/नहर पर व्यवसायिक आड़ में अनाधिकृत धार्मिक संरचना को हटाने, पुनर्स्थापित करने स्थापित करने तथा नियमितीकरण नीति में 2016 के क्रम में सेवादारों को धार्मिक संरचना (दरगाह) को 24 घंटे में स्वयं हटाने के लिए दरग़ाह पर नोटिस चस्पा किया है। सेवादार रशीद, शाबाज, आफाक आदि ने बताया कि पिरान कलियर की प्रमुख दरगाहों में हजरत पीर गैबअली शाह की दरगाह भी शामिल हैं। यह दरग़ाह सैकड़ों साल पुरानी है। पूर्वजों के मुताबिक अंग्रेजों के जमाने से इसी स्थान पर स्थापित है। उन्होंने बताया कि यहां पर उनके पूर्वजों की कई पीढ़ियां सेवादार के रूप में सेवा करते चली आ रही है और उत्तर प्रदेश के समय में उनके पूर्वजों ने जब इस दरगाह की मरम्मत का कार्य शुरू किया तो उस दौरान भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रोकने का प्रयास किया था। लेकिन उस समय तत्कालीन सिंचाई मंत्री डॉ पृथ्वी सिंह विकसित ने सेवादारों को एक आदेश देकर नक्शा बनाकर दिया था जो आज भी उनके पास सुरक्षित मौजूद है। इसी को लेकर वह जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से मिलेंगे।