हल्द्वानी : कुमाऊं के सबसे बड़े महाविद्यालय एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव पर राजनैतिक दलों की नजर ही नहीं बल्कि हस्तक्षेप भी रहता है। इस बार एबीवीपी ने अध्यक्ष प्रत्याशी खड़ा किया है लेकिन एनएसयूआई ने अध्यक्ष प्रत्याशी नहीं उतारा है। एनएसयूआई निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी को पहले गुपचुप और अब खुलकर अपना समर्थन दे रही है।
एबीवीपी के सूरज रमोला अध्यक्ष प्रत्याशी के तौर पर लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वह कॉलेज खुलने के साथ ही चुनाव में सक्रिय थे। शुरू से ही माना जा रहा था कि एबीवीपी उन्हें अध्यक्ष प्रत्याशी बनाएगी लेकिन कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई ने कॉलेज में अपना अध्यक्ष प्रत्याशी नहीं उतारकर सबको चौंका दिया।
ऐसा नहीं है कि एनएसयूआई अध्यक्ष प्रत्याशी के चुनाव से खुद को दूर कर रही है बल्कि रणनीति के तहत एनएसयूआई निर्दलीय प्रत्याशी संजय जोशी को अपना समर्थन दे रही है। पहले ये समर्थन पर्दे के पीछे से चला लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, एनएसयूआई ने अब खुलकर संजय जोशी को समर्थन देना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने शहर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच से संजय जोशी को अपने साथ लेकर उसकी सराहना की संजय के खेमे में एनएसयूआई के पदाधिकारी ही देखे जा रहे हैं। शुरू से ही एनएसयूआई का एक धड़ा सचिन जोशी के साथ रहा। जब एनएसयूआई ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा तो एनएसयूआई के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी संजय के साथ जुड़ते जा रहे हैं।
पूर्व के नतीजों ने लिया सबक
हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज में पूर्व कुछ छात्रसंघ चुनाव ऐसे हुए जब एबीवीपी के बागी उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया। इनमें साल 2014 में जीते संजय रावत और साल 2022 में जीती रश्मि लमगड़िया शामिल हैं। इन दोनों ही चुनाव में दिलचस्प बात ये थी कि एनएसयूआई की ओर से प्रत्याशी खड़ा करने के बाद भी एनएसयूआई के कई कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी के निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया था।