

देशभर में इन दिनों वक्फ कानून को लेकर चर्चा हो रही है. उत्तराखंड में भी इस मुद्दे ने सियासी रुप ले लिया है…एक तरफ सीएम धामी नए वक्फ कानून के फायदे बता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) की संपत्ति पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
सीएम धामी गिना रहे नए वक्फ कानून की खूबियां
देशभर में इन दिनों नए वक्फ कानून को लेकर चर्चा हो रही है. सड़क से लेकर सदन तक बहस के बाद मामला सुप्रीमकोर्ट तक पहुंच चुका है. एक तरफ बीजेपी इसे देशहित में बता रही है तो वहीं विपक्षी दल इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करार दे रहा है. देहरादून में नए वक्फ कानून को लेकर किए गए कार्याशाला में शामिल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जहां वक्फ संशोधन एक्ट की खूबियां बताई. वहीं कांग्रेस के मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए बीकेटीसी की संपत्ति पर सवाल उठा दिए.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
काजी निजामुद्दीन का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी वक्फ संपत्तियों की चिंता कर रही है, क्या उस तरह से तमाम हिंदुओं के प्रतिष्ठित संस्थानों की खुर्द-बुर्द हो रही जमीनों की भी चिंता कर रही है या नहीं? काजी निजामुद्दीन ने बदरी-केदार मंदिर समिति की संपत्ति को लेकर सवाल उठाए हैं. साथ ही उसके जरिए धामी सरकार को घेरा है. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि बीकेटीसी की लाखों करोड़ों की जमीन पर कब्जा है, लेकिन डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी इन जमीनों को बदरी-केदार मंदिर समिति अपने अधीन लाने में समर्थ नहीं हुआ है.
सीएम धामी ने दी प्रतिक्रिया
मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के इस बयान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में जो भी अतिक्रमण के मामले हैं उन पर राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है. सभी को प्रदेश के भीतर कानून के अनुरूप जीने की आदत होनी चाहिए.