जिला विकास प्राधिकरण हमेशा से ही विवादों के घेरे में आ रहा है जिला विकास प्राधिकरण की लापरवाही कहें या सेटिंग गेटिंग का खेल उधम सिंह नगर जिले में 109 बिल्डिंग जिला विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा पास कराए ही बना दी गई है। मगर इतने मकान बड़े-बड़े बिल्डिंग खड़े हो गए लेकिन जिला विकास प्राधिकरण को कानों कान खबर तक नहीं लगी। यहां तक कि वन टाइम सेटलमेंट यानी एकल समाधान योजना लागू होने पर भी भवन स्वामी को बिल्डिंग गिरने का भय नहीं है। हालांकि प्राधिकरण ने भवन स्वामियों को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है। इसके बाद नियम के तहत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने जा रहा है।
अधिकतर भवनों बिना नक्शा पास कराए ही अस्पताल, स्कूल, दुकान व मकान एक-एक कर बना दिया गया। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी डीडीए को नहीं थी। फिर भी किसी न किसी के दवाब में प्राधिकरण अनजान बना हुआ है। राज्य सरकार ने एकल समाधान योजना लागू की कि वर्ष, 2020 तक जिन लोगों ने बिना नक्शा पास कराए भवन खड़ा कर दिए हैं,
वे लोग 31 मार्च,2022 तक नक्शा पास करा सकतेे हैं उसके बावजूद भी इन लोगों के कानों में जूं नहीं रेंगी और इन्होंने भवन का नक्शा नहीं पास कराया।31 मार्च तक दिए गए योजना में सिर्फ 15 लोगों ने नक्शा पास कराया है। जबकि 109 भवन बिना मानचित्र के खड़े हैं इनमें कई छोटे स्कूल, अस्पताल व आवासीय मकान है योजना में सर्किल रेट में 15 प्रतिशत की छूट है। इससे पहले जनवरी, 2019 व अक्टूबर, 2019 में समाधान योजना लागू थी, मगर मानकों को ताक पर रखकर भवन बनाने की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
डीडीए उपाध्यक्ष हरीश चंद्र कांडपाल ने बताया कि जिन लोगों ने बिना नक्शा पास कराए भवन बनाए हैं, उन्हें नोटिस भेजकर एक माह का समय दिया गया है क्योंकि इस दौरान सुनवाई हाेगी इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि डीडीए के नाक के नीचे इतनी संख्या में बड़े-बड़े इमारत खड़े हो गए लेकिन विभाग को कानों कान खबर नहीं लगी ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।