रामनगर: पुलिस ने रामनगर में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान चलाया. इस दौरान कई धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए. रामनगर में कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद नगर में स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों का औचक निरीक्षण किया.
धार्मिक स्थलों से हटाए गए लाउडस्पीकर: औचक निरीक्षण में कई धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगे दिखे. पुलिस टीम ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को हटाने की कार्रवाई शुरू की. इस संबंध में जानकारी देते हुए कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि लंबे समय से नगर में स्थित कुछ धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाए जाने की शिकायत लगातार मिल रही थी. उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर न लगाए जाने को लेकर पूर्व में ही न्यायालय द्वारा आदेश जारी किए गए थे.
पुलिस द्वारा पहले भी लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई की गई थी. वर्तमान में कुछ स्थानों पर गुरुवार को चलाए गए अभियान के तहत लाउडस्पीकर लगे हुए पाए गए. उन्होंने बताया कि पुलिस टीम द्वारा 6 धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगे हुए पाए गए. इन धार्मिक स्थलों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करते हुए इन लाउडस्पीकरों को हटाने की भी कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान लगातार जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने सभी धार्मिक स्थलों के संचालकों से न्यायालय के आदेश का पालन कर सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर आगे इन लोगों द्वारा धार्मिक स्थलों पर फिर लाउडस्पीकर लगाए गए, तो इनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है कानून? ध्वनि प्रदूषण (अधिनियम और नियंत्रण) कानून, 2000 जो पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के तहत आता है, कि 5वीं धारा लाउडस्पीकर और सार्वजनिक स्थलों पर वाद्य यंत्रों को मनमाने अंदाज में बजने पर रोक लगाता है. लाउडस्पीकर या सार्वजनिक स्थलों पर यंत्र बजाने के लिए प्रशासन से लिखित में अनुमति लेनी होती है. लाउडस्पीकर या सार्वजनिक स्थलों पर यंत्र रात में नहीं बजाए जा सकते हैं. हालांकि ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस रूम, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल में इसे बजाया जा सकता है. राज्य सरकार किसी संगठन या धार्मिक कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर या सार्वजनिक स्थलों पर बजने वाले यंत्रों को बजाने की अनुमति रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक दे सकती है