प्रादेशिक सेना में भर्ती पर लगाई गई रोक,
132 करोड़ की बकाया धनराशि का भुगतान नहीं होने पर रक्षा मंत्रालय ने लिया फैसला,
पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूरी के कार्यकाल में हुआ था प्रादेशिक सेना का गठन,
प्रादेशिक सेना की गढ़वाल और कुमाऊं में है 1– 1 बटालिन ओर चार कम्पनियां,
गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बंजर पहाड़ों को हरा-भरा करने के लिए गठन हुआ था प्रादेशिक सेना का,
इको टास्क फोर्स के नाम से भी जानी जाती गई ये बटालिन,
गढ़वाल में 2012 में 127 इन्फेंट्री बटालियन के रिटायर्ड जवान और सैन्य अधिकारियों को सौंपा गया था प्रादेशिक सेना का जिम्मा,
कुमाऊं में 123 इन्फेंट्री बटालिन के रिटायर्ड जवान और अधिकारियों को दी गयी थी ईटीएफ की जिम्मेदारी,
2018 से केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को पूर्व सैनिकों को दिए गए वेतन एवम प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च का नहीं हुआ है भुगतान,
इको टास्क फोर्स ने चमोली के माणा, देहरादून के मसूरी, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी आदि क्षेत्रों में बंजर पहाड़ियों को किया पुनर्जीवित,
पर्यावरण के लिए दिए गए इस योगदान पर 2012 में अर्थ केयर अवार्ड , 2008 में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री, सोसायटी ग्रीन गवर्नेंस अवार्ड सहित कई पुरस्कार जीत चुकी है इको टास्क फोर्स,