शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ कार्रवाई कर पद से हटा दिया है। बता दें रजनी भंडारी पर वर्ष 2012-13 में आयोजित नंदा राजजात के निर्माण कार्य के टेंडर में गड़बड़ियों के आरोप हैं। शासन ने भंडारी को पद से हटाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिस पर कांग्रेस का कहना है कि द्वेष भावना से ग्रसित होकर ये कार्रवाई की गई है।
राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर पद से हटाया
चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ हुई कार्रवाई पर कांग्रेस का कहना है कि साल 2012-13 के आरोपों के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया गया था उस पर पूर्व में दो बार चमोली जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच में कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई।
बदले की भावना हाईकोर्ट में पराजित हो गई। लेकिन अब फिर से सरकार ने चमोली जिला पंचायत निर्वाचित अध्यक्ष रजनी भंडारी को राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर अनियमिताओं का आरोप लगाकर अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
इस निर्णय पर फिर से किया जाना चाहिए विचार
कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए। बदले की भावना, सरकार और राज्य के लिए उचित नहीं है। एक बार फिर न्यायालय की शरण में जाकर इस अनुचित कार्यवाही के ख़िलाफ़ न्याय की गुहार लगाई जाएगी। कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपा की इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही में मज़बूती से रजनी भंडारी के साथ रहेगा।