राजनीतिक वर्चस्व की खातिर जून 2004 में भाजपा नेता मालती शर्मा की हत्या और हत्या की साजिश रचने के मामले में एडीजे की अदालत ने भाजपा की पूर्व पार्षद अलका मिश्रा, सिपाही राजकुमार राय, रोहित सिंह और आलोक दुबे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजे विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सभी दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है।
बताया जा रहा है कि रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा की मालती से सियासी वर्चस्व को लेकर तनातनी चरम पर थी। अलका मिश्रा भाजपा के अवध क्षेत्र की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं हैं। सर्वोदय नगर में सात जून, 2004 को गुडंबा के कल्याणपुर निवासी मालती की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गोमती नगर पुलिस ने सिपाही राजकुमार राय और अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया था। जांच में पता चला था कि मालती की हत्या की साजिश विकासनगर की तत्कालीन पार्षद अलका और आलोक दुबे ने ही रची थी।
इस मामले में कोर्ट ने 9 दिसंबर को चारों आरोपियों को दोषी ठहराया था, लेकिन अलका मिश्रा कोर्ट से फरार हो गई थी। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद पुलिस ने रविवार को अलका मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कोर्ट ने सोमवार को सभी आरोपियों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई। कोर्ट ने अलका मिश्रा और आलोक दुबे को हत्या की साजिश रचने, राजकुमार राय को हत्या, अपहरण, साजिश रचने व आर्म्स एक्ट और रोहित सिंह की हत्या और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया है। साथ ही अलका मिश्रा व आलोक दुबे पर 10-10 हजार, राजकमार राय पर 35 हजार और रोहित सिंह पर 15 हजार जुर्माना भी लगाया है।
आपको बता दें कि सर्वोदय नगर में सात जून 2004 को गुडंबा के कल्याणपुर निवासी भाजपा नेता मालती शर्मा की हत्या कर दी गई थी। वह एक रात पहले से संदिग्ध हालात में लापता हुई थीं। सात जून को उनका शव सर्वोदयनगर में मिला। मालती मूलरूप से जौनपुर की रहने वाली थीं।
हत्या की सूचना मिलने पर तत्कालीन एसपी ट्रांसगोमती राजू बाबू सिंह और सीओ क्राइम राजेश्वर सिंह ने सिपाही राजकुमार राय व अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड का खुलासा किया था।
राजकुमार व रोहित के बयान के बाद ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ था कि मालती की हत्या की साजिश रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी व तत्कालीन विकासनगर की पार्षद अलका मिश्रा ने रची थी। दोनों ही भाजपा की नेता थीं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था।
इसके बाद भाजपा ने अलका मिश्रा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था। वहीं लोगों ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी। एसीपी गाजीपुर विजयराज के मुताबिक मामले में अलका मिश्रा जमानत पर थी।