यूपी और उत्तराखंड में एक ही पार्टी की सरकार है, लेकिन रोडवेज बस संचालन को लेकर दोनों राज्यों के बीच कोई तालमेल नहीं है। हालात ये हैं कि यूपी ने गुपचुप रॉयल्टी वाली बस भेजनी शुरू कर दीं, जिससे राज्य को हर माह करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
यूपी और उत्तराखंड के बीच विभिन्न मार्गों पर बस संचालन का समझौता काफी समय पहले हुआ था। इस समझौते में ये शर्त थी कि दोनों राज्य सरकारी या अनुबंधित बस का ही संचालन आपस में कर सकते हैं।
यूपी रोडवेज से अभी तक ऐसी ही बस भी आ रहीं थीं, लेकिन यूपी सरकार ने हाल में करीब 14 हजार नई रॉयल्टी आधारित बस चलाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद दो माह से उत्तराखंड में भी इन बस का संचालन होने लगा है।
करीब 10 बस तीन के हिसाब से 30 चक्कर लगा रही
इन बस का न तो परमिट है और न ही टैक्स यहां जमा हो रहा है। एक ओर समझौते का उल्लंघन और दूसरी ओर राज्य को राजस्व का नुकसान। बावजूद इसके परिवहन विभाग ने इस मामले की सुध नहीं ली है। अकेले सहारनपुर से ही रोजाना करीब 10 बस तीन के हिसाब से 30 चक्कर लगा रही हैं।
बरेली, लखनऊ से भी दून, हरिद्वार और अन्य शहरों में रॉयल्टी आधारित बस आ रहीं हैं। दो माह से सहारनपुर से यूपी 11 सीटी 3182, 3181, 6645, 6646, 6573, 6228, 5856, 5857 बस आ रही हैं, जो कि रॉयल्टी आधारित हैं।
सुनील शर्मा, आरटीओ प्रशासन, देहरादून ने बताया की रॉयल्टी वाली बस के संचालन की सूचना निगम से प्राप्त नहीं हुई है। अगर इस तरह कोई संचालन हो रहा है तो हम कार्रवाई करेंगे और यूपी के परिवहन अधिकारियों को इस संबंध में चिट्ठी भी भेजेंगे।