विवादों में Sanchar Saathi App!, अब सरकार ने कहा यूजर्स कर सकेंगे डिलीट

खबर शेयर करें -
government clarifies Sanchar Saathi App Can be deleted

Sanchar Saathi App: हाल ही में सरकार द्वारा संचार साथी ऐप को स्मार्टफोन्स में प्री इंस्टॉल करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ रहे है। इन विवादों के बीच अब मंगलवार को केंद्र सरकार ने इस ऐप की स्थिति साफ कर दी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि ये एक ऑप्शनल ऐप होगा। यानी कि यूजर्स इसे फोन से जब मर्जी डिलीट कर सकेंगे।

बताते चलें कि सरकार की तरफ से स्मार्टफोन कंपनियों को ये आदेश दिया गया था कि वो अपने फोन में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल कर ही बेचेंगे। इस फैसले से कई कंपनियों ने नाराजगी जताई थी।

यह भी पढ़ें -  India A vs Pakistan A Highlights: इमर्जिंग एशिया कप 2024 में भारत ने पाकिस्तान को 7 रनों से दी मात

क्या था सरकार का Sanchar Saathi App पर फैसला?

DoT की तरफ से Apple, Samsung, Motorola, Xiaomi, Vivo, Oppo आदि स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया गया था। इस आदेश में कंपनियों को संचार साथी मोबाइल ऐप को फोन में पहले से इंस्टॉल करने के बाद बेचने का आदेश दिया गया। ऐसा ना करने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने की भी बात की गई थी। कंपनियों को 120 दिनों में DoT को कंप्लायंस रिपोर्ट देने और 90 दिनों में इस आदेश को लागू करने को कहा गया था।

यह भी पढ़ें -  जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुई अपहरण एवं मारपीट की घटनाओं के बाद मुकदमों की आई बाढ़ ,जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट समेत 11 लोगों पर मुकदमा

अब सरकार ने कहा डिलीट कर सकेंगे संचार साथी ऐप

इस फैसले के बाद सभी जगह इसको लेकर विरोध देखने को मिला। ET Telecom की रिपोर्ट के अनुसार इस आदेश के बाद टेक एक्सपर्ट्स काफी चिंता में थे। संचार साथी ऐप का काम, डेटा कहां रखा जाएगा और यूजर क्या इस ऐप को हटा पाएंगे?…ऐसे तमाम तरह के सवाल उठ रहे थे। हालांकि अब सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया है कि फोन में पहले से इंस्टॉल इस ऐप को यूजर डिलीट भी कर सकेंगे।

यह भी पढ़ें -  कोरोना : कोरोना से एक दिन में 6 की मौत, 702 नए मामले, पढ़े पूरी खबर

सिम बाइंडिंग का भी आदेश हुआ जारी

संचार साथी ऐप के साथ-साथ सरकार ने WhatsApp, Telegram, Snapchat आदि मैसेजिंग ऐप्स के लिए सिम बाइंडिंग करने का आदेश भी दिया था। जो कि फरवरी 2026 से लागू होगा।

कानूनी रास्ता अपना सकती है कंपनिया

बताते चलें कि कई स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के इस फैसले से खुश नहीं है। उनका कहना है कि ये उनकी ग्लोबल पॉलिसी के खिलाफ है। ऐसे में कंपनिया इसके खिलाफ कानूनी रास्ता अपना सकती है

Advertisement

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999