अकसर डॉक्टर की हैंड राइटिंग को लेकर सोशल मीडिया पर जोक सुनने को मिलते है कि उनकी लिखावट खराब होती है। डॉक्टर की हैंड राइटिंग आम लोगों की समझ में नहीं आती। अमुमन डॉक्टर का लिखा हुआ पर्चा मेडिकल स्टोर वालों की ही समझ में आता है। लेकिन प्रॉब्लम वहां खड़ी हो जाती है जब मेडिकल स्टोर वाले भी डॉक्टर का लिखा पर्चा ना समझ पाए। ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है। जहां डॉक्टर की लिखावट मेडिकल स्टोर वाले भी नहीं पढ़ पाए। ना सिर्फ मेडिकल स्टोर वाले बल्कि बाकी डॉक्टर्स ने भी पर्चा देखकर सिर पकड़ लिया।
सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर के पर्चे का फोटो वायरल हो रहा है। जहां एक डॉक्टर को उसकी हैंड राइटिंग के लिए ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल ये मामला मध्य प्रदेश के सतना जिले का है। जहां एक डॉक्टर का लिखा पर्चा मरीज की समझ से तो बाहर ही था। लेकिन हद तो तब हुई जब ये पर्चा मेडिकल स्टोर वालों के भी पल्ले नहीं पड़ा। ऐसे में मरीज अलग-अलग मेडिकल स्टोर भटकता रहा, लेकिन कोई भी उस हैंडराइटिंग को समझ कर दवा नहीं दे पाया।
डॉक्टर के खिलाफ नोटिस हुआ जारी
ऐसे में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले में डॉक्टर को नोटिस भेज दिया। उनके अनुसार डॉक्टर की ये हरकत स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का उल्लंघन करने में आती है। किसी भी डॉक्टर की ऐसी लिखावट होनी चाहिए जो दूसरो को समझ आए। निर्देश की माने तो दवाओं के नाम कैपिटल लेटर में लिखे जाए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल हुआ यू की एक मरीज नागौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करने गया। जहां उसने डॉ अमित सोनी से इलाज करवाया। डॉ ने उसे कुछ दवाएं पर्चे पर लिखकर दी। जिसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के ही मेडिकल स्टोर पर जब मरीज ने पर्चा दिखाया तो उसने सिर पकड़ लिया। मेडिकल स्टोर के संचालक को डॉक्टर की हैंड राइटिंग समझ नहीं आई। जिसके बाद मरीज वो पर्चा लेकर दूसरे मेडिकल स्टोर पर गया। लेकिन किसी को भी डॉक्टर की राइटिंग समझ नहीं आई।
डॉक्टर को लोगों ने किया ट्रोल
सोशल मीडिया पर ये पर्चा किसी ने अपलोड कर दिया। ये पर्चा कुछ ही समय में वायरल हो गया। जिसके बाद लोग डॉक्टर को ट्रोल करने लगे। इसके साथ ही डॉक्टर पर भी लोगों ने कई सारे आरोप लगा दिए। लोगों ने आरोप लगाया कि वो खुद का क्लीनिक चलाते है। शासकीय अस्पताल में बैठने के बावजूद वो मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर की दवाइयां पर्चे पर लिखते है। ऐसे में डॉक्टर को नोटिस जारी हो गया है।