ऊधमसिंह नगर में तैनात रहीं एक वरिष्ठ पीसीएस महिला अधिकारी पर 55 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। रुद्रपुर की वसंत विहार की रहने वाली बुजुर्ग महिला ने यह गंभीर आरोप लगाया है और इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक से की है। 66 वर्षीय एनआरआई अनिता भल्ला की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून के एसपी यातायात को इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। वर्तमान में आरोपी महिला अफसर हरिद्वार में तैनात हैं।
मामला 2019 का बताया जा रहा है। बुजुर्ग महिला अनीता भल्ला का आरोप है कि उनके एक महिला मित्र के माध्यम से महिला पीसीएस अधिकारी जो उस वक्त उत्तराखंड परिवहन विभाग देहरादून में तैनात थीं, उनसे मुलाकात हुई। जान-पहचान बढ़ी और एक दूसरे पर विश्वास बढ़ गया। आरोप है कि एक दिन पीसीएस अधिकारी ने अपने परिवार में रुपयों की बेहद आवश्यकता बताई। बुजुर्ग महिला का कहना है कि उसने मजबूरी समझते हुए अति-विश्वास में आकर ब्लैंक चेक हस्ताक्षर कर पीसीएस अधिकारी को दे दिया, जिसके बाद अधिकारी ने चेक में 55 लाख रुपए भर अपने भाई के कम्पनी के एकाउंट में पेमेंट करा दी। अनिता भल्ला का कहना है कि पीसीएस अधिकारी पर उनका विश्वास ऐसा चुका था कि उन्होंने बिना गारंटी के ही आँख बंद कर ब्लैंक चेक थमा दिया,यही उनकी सबसे बड़ी गलती रही। जिसका हर्जाना वह 4 साल से 55 लाख जैसी बड़ी रकम वापस न मिलने के रूप में भुगत रही है।
बुजुर्ग शिकायतकर्त महिला ने गुरुवार को डीजीपी से मुलाकात की और फिर उसके बाद देहरादून एसएसपी को भी अपना शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। डीजीपी अशोक कुमार ने पूरे मामले की जांच एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे को सौंपी है। शुक्रवार को शिकायतकर्ता महिला के बयान दर्ज कर लेने देन से संबंधित साक्ष्य लेकर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
अनीता भल्ला का आरोप है कि 2022 से वह लगातार देहरादून पहुंच कर पीसीएस अधिकारी से 55 लाख रुपये वापस लौटने की मांग रही है, लेकिन उन्हें लगातार टालमटोल कर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। पीसीएस अधिकारी के भाई और उनके परिचितों ने एक बार फिर उन्हें रुपए लौटाने का आश्वासन दिया, जिसके चलते वह मई 2023 के पहले सप्ताह में अमेरिका से देहरादून पहुँची, लेकिन इस बार भी टालमटोल रवैया अपनाया गया।