राज्य में कोरोना वायरस के कम मामला आने के बाद से लगातार कर्फ्यू में ढील की मांग उठ रही है और सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि 7 तारीख को कर्फ्यू में डील को लेकर एक बड़ा फैसला हो सकता है,
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी हर जिले में जाकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच पूरे उत्तराखंड में फैल चुके कोविड कर्फ्यू के विरोध में चल रहेव्यापारियों के आंदोलन से सरकार भी असहज हो चली है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने व्यापारियों के समर्थन में आगे आकर सरकार के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी है। विपक्ष तो पहले से ही व्यापारियों के पक्ष में खड़ा हो चुका है।सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक कोविड की परिस्थितियों के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोकथाम के दृष्टिगत सरकार ने 10 मई को दोपहर एक जून से प्रदेश में प्रथम चरण का कोविड कर्फ्यू लागू किया। इसके बाद द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ चरण में कर्फ्यू की अवधि एक-एक हफ्ते आगे बढ़ाई गई। चतुर्थ चरण के कर्फ्यू की अवधि आठ जून को सुबह छह बजे समाप्त हो रही है।
इस बीच कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद कर्फ्यू में ढील की मांग उठ रही है। खासकर व्यापारी वर्ग की ओर से बाजार खोलने की मांग मुख्य रूप से उठाई जा रही है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार वर्तमान में पहली प्राथमिकता जनता की कोविड से रक्षा करना है।