उत्तरकाशी में प्रतिबंधित काजल-काठ की लकड़ी की तस्करी, दो तस्कर अरेस्ट

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उत्तरकाशी पुलिस ने चैकिंग के दौरान भारी मात्रा में प्रतिबंधित कांजल-कांठ की लकड़ी की तस्करी करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 597 नग लकड़ी बरामद की गई है।

प्रतिबंधित कांजल-कांठ की लकड़ी समेत दो तस्कर अरेस्ट

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 8 अक्टूबर को सुबह 6:30 बजे डुंडा बैरियर पर चैकिंग के दौरान एक यूटिलिटी वाहन संख्या UK 10C 1427 को चैक किया। वाहन सवार गोपाल और चालक विजय द्वारा blackthorn wood की प्रतिबंधित लकड़ी की तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने वाहन से कांजल-कांठ की लकड़ी के 597 नग बरामद किए हैं।

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लकड़ियों के साथ दोनों आरोपियों को वन विभाग को सौंपा

पूछताछ में पता चला कि गोपाल गंगोरी, अगोडा क्षेत्र के जंगलों से इस प्रतिबंधित लकड़ी को इकट्ठा कर देहरादून-सहारनपुर ले जाने के फिराक में था, जिसे पुलिस ने बैरियर पर ही पकड़ लिया। पुलिस ने मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी को प्रतिबंधित लकड़ी के साथ वन विभाग को सौंप दिया।

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हिमालय के आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाती है लकड़ी

बता दें कांजल की लकड़ी उच्च हिमालय के आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाती है। कांजल औषधीय दृष्टिकोण से सर्वोत्तम मानी जाती है। इसे बौद्घ सम्प्रदाय के लोग इसके बर्तन (बाउल) बनाकर खाद्य एवं पेय पदार्थों के लिए इस्तेमाल करते हैं। भारत, चीन, तिब्बत, नेपाल जैसे देशों में इस लकड़ी की तस्करी कर उच्च कीमतों पर बेचा जाता है।

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तस्करों की पहचान

  • गोपाल बोहरा (39) पुत्र चन्द्र सिंह बोहरा निवासी त्यूणी देहरादून
  • विजय (35) पुत्र प्रेमलाल निवासी उत्तरकाशी (वाहन चालक)
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