आम आदमी पार्टी की झाड़ू बंधने से पहले ही बिखर गई। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 में वोटिंग में 10 दिन बचे हैं, 10 फरवरी को मतदान है। लेकिन उससे पहले ही आप पार्टी हिटवीकेट हो गई और आप पार्टी की गिल्लियां बिखर गई।
28 जनवरी को आप प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने देहरादून में प्रेस क्लब में वार्ता कर इस्तीफा दिया और आप पार्टी पर गढ़वाल विरोधी होने का आरोप लगाया।
जिसके बाद आज कोटद्वार में आप पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मेजर जनरल (रि) डॉ चन्द्र किशोर जखमोला ने आप पार्टी को पहाड़ विरोधी बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
आज ही ऋषिकेश में आप पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजय पोखरियाल ने आप पार्टी से इस्तीफा दे डाला।
संजय पोखरियाल ने भी आप पार्टी पर पहाड़ विरोधी होने के आरोप मढे। उन्होंने आप पार्टी पर बिजनोर और सहारनपुर उत्तराखण्ड में मिलाने के भी गम्भीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि मैं संजय पोखरियाल प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आम आदमी पार्टी उत्तराखंड, आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देता हूं क्योंकि मैंने आम आदमी पार्टी को एक भ्रष्टाचार से लड़ने वाली वजन मुद्दों को उठाने वाली पार्टी ईमानदार और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का काम करने वाली पार्टी व कर्नल अजय कोठियाल मैं पिता की छवि देखी थी जो ईमानदार व निष्पक्षता की छवि देखी थी आज मैं अपने आपको आने पर इस पार्टी में आने पर आने पर ठगा महसूस कर रहा हूं। क्योंकि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के प्रमुख पदों पर बैठे हुए प्रभारियों द्वारा जो कार्यकर्ताओं की दुर्गति की जा रही है और संगठन आत्मक रूप से ऋषिकेश में ईमानदार कार्यकर्ताओं को छल और कपट के माध्यम से दरकिनार किया जा रहा है इसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं और साथ ही साथ कुछ खुलासे तीन चरणों में आपके सामने पेश करता हूं।
1- समस्त उत्तराखंड आम आदमी पार्टी के प्रमुख प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया द्वारा बिना किसी आधार एवं सर्वे द्वारा धनबल के माध्यम से टिकटों का बंटवारा किया गया किया गया निष्ठावान और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बिना जनाधार एवं धनबल के आधार पर टिकट वितरण किया गया जिससे स्थानीय जनता जी प्रत्याशियों को स्वीकार नहीं कर पा रही।
आम आदमी पार्टी के नीम रखने वाले कार्यकर्ता एवं प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य, प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष ,जिला अध्यक्ष, फाउंडर मेंबर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं स्पष्ट तौर पर अनदेखी की जा रही है और और सारी नियुक्ति प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी के हाथों में है जिनको उत्तराखंड के धरातल का ज्ञान नहीं है जो कि बाहरी होकर बिना किसी कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पदों पर बैठे हुए लोगों की सहमति के बिना पार्टी को अपनी मनमर्जी से चलाया जा रहा है।
3 – पार्टी उत्तराखंड में सोची समझी साजिश के तहत सहारनपुर , देवबंद, और बिजनौर को उत्तराखंड में मिलाने का एक परपज रच रही है। उनके साथ शिवम, राजेन्द्र, मनीष, मनोज आदि ने भी आप को टाटा, बाय-बाय कहा।