हल्दूचौड़।यहां हल्द्वानी, रामपुर रोड, बरेली रोड और नंदौर के स्टोन क्रेशर संचालकों ने कल 3 मई से खनन सामग्री लेने से इनकार करते हुए नोटिस बोर्ड में नोटिस चस्पा कर दिया है। स्टोन क्रेशर संचालकों के इस निर्णय से खनन व्यवसायियों के समक्ष बेरोजगारी और आर्थिक तंगी का संकट आ पड़ा है।
रामपुर रोड, हल्द्वानी, नंदौर और बरेली रोड क्षेत्र के अधिकांश स्टोन क्रेशर स्वामियों ने अपने नोटिस बोर्ड में नोटिस चस्पा कर 3 मई से खनन सामग्री नहीं लेने का नोटिस चस्पा कर दिया है। स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से खनन व्यवसाई जहां पसोपेश में पड़ गए हैं। वहीं उनमें हड़कंप मच गया है। स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार अग्रवाल का कहना है कि मार्केट में रेता बजरी की डिमांड बहुत ही कम हो गई है, तथा उत्तराखंड पुलिस द्वारा ओवरलोड के नाम पर जो वाहन स्वामियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उसके चलते भी दूसरे प्रदेशों से रेता बजरी लेने वाहन बहुत ही कम आ रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गौला नदी की रॉयल्टी के रेट अत्यधिक करने तथा समतलीकरण की रॉयल्टी के रेट कम होने से भी इस क्षेत्र के स्टोन क्रेशरों को भारी नुकसान हो रहा है, चारों तरफ से गौला नदी से जुड़े स्टोन क्रेशरों को चोट पहुंचने और मंदी का दौर आ जाने से उन्हें अपनी खरीद बंद करनी पड़ रही है। स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा अचानक खरीद बंद कर देने से खनन व्यवसायियों में हड़कंप मचने के साथ-साथ गहरी नाराजगी भी व्याप्त हो गई है, उनका कहना है कि यदि स्टोन क्रेशरों ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो अभिलंब बैठक कर सामूहिक निर्णय के माध्यम से खनन व्यवसाई स्टोन क्रेशरों के आगे धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।