चंडीगढ़। लोकतंत्र की इससे बड़ी खूबसूरती क्या हो सकती है कि एक मामूली सफाई कर्मचारी, उसी शहर का प्रथम नागरिक यानी मेयर बन गया। शहर के नए मेयर कुलदीप कुमार ने वर्ष 2018 में बतौर सफाई कर्मचारी चंडीगढ़ नगर निगम में काम किया। अब वह नगर निगम के ही भवन में मेयर की कुर्सी संभालेंगे।
मंगलवार मेयर कुलदीप कुमार के लिए दोहरी खुशी का दिन रहा। इसी दिन देश की शीर्ष अदालत के आदेश पर वह जहां शहर मेयर बने, वहीं उनकी शादी की 17वीं सालगिरह थी। उन्होंने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि मेयर की कुर्सी उन्हें शादी की सालगिरह के दिन मिली।
अनुसूचित जाति से आने वाले कुलदीप कुमार को जब 30 जनवरी को मेयर चुनाव में हारा हुआ घोषित किया गया था तो वह रो पड़े थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 21 दिन तक अदालत में लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए और आखिरकार जीतकर दोबारा मेयर की कुर्सी पर बैठे। कुलदीप के मेयर बनने पर उनकी पत्नी ममता बेहद खुश हैं।
कुलदीप ने पंजाब बोर्ड से 2005 में 12वीं की परीक्षा पास की थी। 40 साल के कुलदीप को उनके दोस्त टीटा कहकर बुलाते हैं। वह राजनीति में आने वाले अपने परिवार से पहले शख्स हैं।
लोकतंत्र की खूबसूरती: जिस शहर में सफाई कर्मचारी थे कुलदीप “टीटा” उसी शहर के मेयर बन गए
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