सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के पैरों में गिरकर उपनलकर्मी महिला द्वारा अपनी मांगों को पूरा करने की बात कही गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उपनल महिला वेतन को लेकर अपनी समस्या सीएम के समक्ष रख रही थीं।सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में हुई इस घटना की निंदा सुमित हृदयेश ने की है। उन्होंने कहा कि सरकार और नेताओं ने उपनल कर्मियों के साथ छल किया और तभी उन्हें हड़ताल करनी पड़ी। पूरे पांच साल ये काम चलता रहा और इससे वह मानसिक रूप से भी परेशान हुए हैं।
सुमित हृदयेश ने कहा कि उपनल कर्मचारी और परिवार आगामी विधानसभा चुनाव मे अपने वोट से अपनी इस पीड़ा का मुंहतोड़ जवाब अवश्य देंगे। ग्रेड पे के मामले में पुलिस कर्मियों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वादाखिलाफी की है और यह उनकी हार है। पुलिस कर्मी और परिवार उनको कभी माफ नहीं करेंगे। प्रदेश के विकास के हर मोर्चे में डबल इंजन भाजपा सरकार पूर्ण रूप से फेल रही है। जनता माफ नही करेगी और उत्तराखंड से भाजपा को इस बार जरूर साफ करेगी।आपकों बता दें कि साल 2016 में भी एक ऐसी घटना हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के पैर पकड़ कर एक महिला रो रही थी। यह घटना भी हल्द्वानी की थी। इसके बाद भाजपा ने इस मामले को जोरों से उठाया था और चुनावी हथियार भी बनाया। चुनाव में जो हुआ वह इतिहास बन चुका है लेकिन अब कांग्रेस में भी इस मौके को भुनाने की कोशिशों में जुट गई है।