इस जिले को आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल द्वारा 25.37 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की

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नगर क्षेत्र के सौन्दर्यकरण एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं विभिन्न विकास कार्यों के संचालन हेतु जिलाधिकारी विनीत कुमार के विशेष प्रयास से जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण बागेश्वर के अवस्थापना मद में 5 योजनाओं के आगणन/प्रस्तावों को स्वीकृत हेतु आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल को प्रेषित किया गया था, जिसमें प्रेषित किये गये प्रस्तावों को आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल द्वारा 25.37 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है जिसमें विभिन्न विकास कार्य किये जायेंगे जिसमें तहसील परिसर बागेश्वर की दीवार पर वाल पेंटिंग द्वारा पिण्डारी ग्लेशियर, नगर का नक्शा, विभिन्न ग्लेशियरों व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की दूरी एवं उत्तराखण्ड के संस्कृति का चित्रांकन म्यूरल आर्ट के निर्माण कार्य हेतु 9.48 लाख की धनराशि कार्यदायी संस्था निर्माण निगम को स्वीकृत की गयी है। जिला कार्यालय बागेश्वर में 3 सीटर 4 नग बैंचों की स्थापना कार्य के लिये 39 हजार की धनराशि कार्यदायी संस्था निर्माण निगम को स्वीकृत की गयी है। बागेश्वर कपकोट मार्ग में इंडोर स्टेडियम के पास नदी किनारें बैठने की व्यवस्था व गोल छतरी के कार्य हेतु 8.50 लाख की धनराशि तथा बागेश्वर कपकोट तेजम मोटर मार्ग में एसबीआर्इ के समीप हवा महल सुधारीकरण के कार्य के लिये 5 लाख एवं बागेश्वर कपकोट तेजम मोटर मार्ग में एसबीआर्इ तिराहे डिग्री कालेज, जिला अस्पताल तिराहे तथा नगर के अन्य स्थानों पर जैबरा क्रासिंग के निर्माण कार्य के लिये 2 लाख की धनराशि कार्यदायी संस्था प्रान्तीय खण्ड लोनिवि बागेश्वर को स्वीकृति प्रदान की गयी है।  

उक्त योजनाओं के कार्य किये जाने हेतु जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को वर्णित प्रतिबंधों के अधीन कार्य करना सुनिश्चित करेंगे, जिसमें कार्य की प्रगति की निरंतर एवं गहन समीक्षा करते हुये समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा तथा विलम्ब या अन्य किसी भी दशा में आंगणन पुनरीक्षण पर विचार नहीं किया जायेगा, कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व विस्तृत आंगणन एवं मानचित्र पर सक्षम अधिकारी से प्राविधिक स्वीकृत प्राप्त करनी आनिवार्य होगी। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष आहरण वास्तविक आवश्कतानुसार किश्तों में किया जायेगा। स्वीकृत धनराशि का व्यय वित विभाग के शासनादेश अप्रैल 2015 में इंगित शर्तो/प्रतिबन्धों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। व्यय में मितव्ययता नितांत आवश्यक है। इस संबंध में समय-समय पर जारी शासनादेशों/अन्य आदेशों का कढार्इ से अनुपान सनिश्चित किया जायेगा। विस्तृत आंगणन में प्राविधनित डिजायन एवं मात्राओं हेतु संबंधित कार्यदायी संस्था पूर्ण रूप से उत्तदायी होंगे। कार्य पर मदवार उतना ही व्यय किया जायें जितनी मदवार धनराशि स्वीकृत की गयी है, स्वीकृत धनराशि से अधिक व्यय कदापि न किया जाय। कार्य करने से पूर्व समस्त औपचारिकतायें तकनीकी दृष्टि को मध्यनजर रखते हुये विभाग द्वारा प्रचलित दरों/विशिष्टियों को ध्यान में रखते हुये निर्माण कार्य को संपादित कराना सुनिश्चित करें। कार्यों की समयबद्धता एवं गुणवत्ता हेतु संबंधित तकनीकी अधिकारी पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगा।

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