उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में किसानों की महापंचायत चल रही है। किसान अपनी विभिन्न मांगें पूरा न होने से सरकार से नाराज होकर महापंचायत कर रहे हैं।
किसानों की मुख्य मांगे हैं, सभी फसलों एमएससी की गारंटी सरकार दे। इसके अलावा किसान लगातार सरकार से कर्ज माफी की मांग भी कर रहे हैं। देशभर में कर्ज की वजह से कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं, इसलिए किसान कर्ज माफ करने की मांग कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि देश में हर साल खराब होने वाली फसलों का नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है, ऐसे में प्रभावी फसल बीमा योजना की मांग भी किसानों ने की है।
किसान महापंचायत में किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश से भी अधिक हालात किसानों के खराब हैं। किसानों को ना तो गन्ने का समय से बकाया भुगतान मिल रहा है और न हीं उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिल पा रहा है। किसानों ने सरकार से पूछा है कि वो कब तक सड़कों पर बैंठे रहेंगे।
किसानों के मुताबिक अब उन्हें भी सड़क पर बैठते बैठते शर्म आने लगी है लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। आज किसानी घाटे का सौदा हो गया है किसानो को बचाने की जरूरत है, लेकिन सरकार कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है। महापंचायत के बाद किसानों ने अपनी मांग पत्र प्रशासन को सौंपा और जल्दी उचित निर्णय की उम्मीद जताई। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल और राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।