सरकार ने ‘कोविशील्ड’ के दो टीकों के बीच के अंतराल को दूसरी बार 6 से 8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है,क्यों जानिए

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नई दिल्ली:-केंद्र सरकार ने ‘कोविशील्ड’ के दो टीकों के बीच के अंतराल को दूसरी बार 6 से 8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है। मीडिया के एक वर्ग में यह चर्चा भी है कि टीकों की कमी की कमी की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी टिप्पणी की है कि जब देश में कोरोना के टीकों की कमी है तो मोबाइल पर कोरोना टीकाकरण कराने की कॉलर ट्यून बजाकर क्यों परेशान किया जा रहा है। 
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि डॉ. एनके अरोड़ा के नेतृत्व वाले कोविड कार्य समूह की सिफारिशों पर समय अंतराल बढ़ाया गया है। सरकार का कहना है कि उपलब्ध रियल-लाइफ साक्ष्यों, व विशेष रूप से ब्रिटेन के साक्ष्यों के आधार पर, कोविड कार्य समूह ने कोविशील्ड की दोनों खुराक के अंतर को 12-16 सप्ताह बढ़ाने पर सहमति जताई है। कार्य समूह ने कोवैक्सीन टीके के अंतराल में परिवर्तन की सिफारिश नहीं की है। अंतराल बढ़ाने का फैसला दूसरी बार क्यों लिया गया है। इसके जवाब में एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि यदि आप 4 सप्ताह से कम समय में अपनी बूस्टर खुराक (कोविशील्ड का दूसरी डोज) लेते हैं, तो प्रभावकारिता 55-60 प्रतिशत के बीच होती है। और अगर आप इसे 12 सप्ताह या उससे अधिक समय बाद लेते हैं, तो इसकी प्रभावकारिता 81-90 प्रतिशत के करीब हो जाती है। यदि आप अपनी दूसरी खुराक (कोविशील्ड की) 12 सप्ताह या उससे अधिक समय बाद लेते हैं तो आपको बेहतर बूस्टर प्रभाव मिलता है। यह समझना चाहिए कि जैसे ही महामारी विकसित होती है और हम अधिक ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिससे सिफारिशें बदलती हैं। डेटा बताता है कि एक खुराक के साथ भी आपके पास 60-65 प्रतिशत प्रभावकारिता है। यह व्यक्ति को 3 महीने तक संक्रमण होने से रोकता है।

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