गौला खनन संघर्ष समिति का आज 62 वें भी धरना वाहन स्वामियों ने वन विभाग वन निगम के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते स्टोन क्रेशरों मैं गड्ढे खोदकर आरबीएम निकाला जा रहा है और गोला नदी से रेते की आड़ में आरबीएम का खेल

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आज गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे धरने के 62वें दिन वाहन स्वामियों को जैसे ही पता चला कि उत्तराखंड स्टोन क्रेशर में अवैध माल उतर रहा है सभी वाहन स्वामी उत्तराखंड स्टोन क्रेशर पर गए वहां पर आंवला चौकी गेट से 7 गाड़ियां स्टोन क्रेशर में आरबीएम की रौल्टी काटकर रेता उतारते हुए पकड़ी गई। जिससे वाहन स्वामी में काफी आक्रोश पैदा हुआ और वह उत्तराखंड स्टोन क्रेशर के खुदे गड्ढों में कूद गए। मौके पर खनन विभाग वन विभाग और राजस्व विभाग को सूचना दी गई वन विभाग और खनन विभाग मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक स्टोन क्रेशर के सभी कर्मचारी नदारद हो चुके थे खनन विभाग से आए डी एच एम ने सूचना अपर सचिव राजपाल लेघा को दी और उन्होंने तत्काल प्रभाव से स्टोन क्रेशर का पोर्टल बंद किया।

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वहीं अधिकारियों ने वाहन स्वामियों को आश्वासन दिया कि कल हम राजस्व की टीम के साथ इनके गड्ढों की नपाई करेंगे तब जाकर वाहन स्वामी उन गड्ढों से बाहर निकले और वही वन विभाग के रेंजर चंदन अधिकारी से फोन पर वाहन स्वामियों की वार्ता हुई उनका कहना है डी एल लम को अवगत करा दिया गया है उन गाड़ियों की अनिश्चितकालीन निकासी बंद रहेगी और स्टोन क्रेशर पर भी कार्रवाई करेंगे। धरना देने वालों में गोला खनन संघर्ष समिति के संयोजक रमेश चंद्र जोशी लाल कुआं अध्यक्ष जीवन कबडवाल, भगवान धामी, जीवन बोरा, सावन पथनी, रमेश कांडपाल, नवीन जोशी, आनंद बल्लभ पाठक, सुभाष शर्मा, बसंत जोशी, रमेश चंद्र जोशी, इंदर सिंह नयाल ,गोकुल भट्ट ,मदन उपाध्याय ,नफीस चौधरी ,सुरजीत सिंह ,नरेंद्र सिंह राणा ,ललित जोशी ,राजेंद्र जोशी ,गणेश भट्ट, पूरन पाठक, पूरन पांडे, वीरेंद्र दानू ,मोहित दुमका ,कमल बिष्ट, सहित सैकड़ों वाहन स्वामी मौजूद थे।

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गौला खनन संयोजक रमेश चंद्र जोशी ने वन निगम और उत्तराखंड स्टोन क्रेशर पर लगाया मिलीभगत का आरोप लगाया। जोशी का कहना है निगम के कांटो पर फॉरेस्ट और निगम की दोनों की टीम संयुक्त रूप से बैठती है वहां पर कैमरे लगे हैं और गाड़ी पर माल चैक होता है उसके बावजूद भी स्टोन क्रेशर पर आरबीएम की रौल्टी कटती है और माल गाड़ी में रेता आता है यह सब वन निगम, वन विभाग और स्टोन क्रेशर का मिलीभगत का एक बहुत बड़ा खेल है। जिसका गौला खनन संघर्ष समिति पुरजोर विरोध करती है। और मांग उठाई कि इन वाहनों की निकासी बंद हो और स्टोन क्रेशर की भी निकासी बंद हो। जो सक्षम अधिकारी वहां पर बैठा है वह भी बर्खास्त होना चाहिए खनन का खेल बिल्कुल बंद होना चाहिए।

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