जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचाता है गायत्री मंत्र का जाप गौ माता की सेवा और गीता का पाठ ।

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हल्दूचौड़।
बाबा केशवदास आश्रम हनुमान मंदिर परिसर में चल रही पावन श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा में ब्यासाचार्य पंडित सतीश चंद्र लोहनी ने बड़ी ही सुंदर कथा श्रवण कराई जिसमें भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया।श्री कृष्ण की बाल लीलाओं ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।


ब्यासाचार्य ने कहा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान है। उन्होंने कहा कि कालिकाल में परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पूतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है।उन्होंने श्रद्धालुओं से गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ को अपनी दिनचर्या में शामिल किए जाने का आह्वान करते कहा कि गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है। इसी प्रकार गायत्री महामंत्र के जप व नित्य गीता पाठ करने से ही कलिकाल में मनुष्य अपने जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचता है।
पंचम दिवस की कथा में मुख्यरूप से मंदिर पुजारी प्रकाश जोशी यजमान चंदबललभ खोलिया ,पूरन चंद भट्ट मंदिर कमेटी के संरक्षक उमेश चंद्र कबड़वाल,अध्यक्ष कैलाश चन्द्र दुम्का, सचिव बालकृष्ण दुम्का,कोषाध्यक्ष खीमानंद तिवारी, लेखा निरीक्षक दयाकिशन बमेटा, नवीन चन्द्रबमेटा दयाकिशन कबड्वाल,महेश चंद्र दुम्का, मोती राम गरवाल,सुरेश चंद्र जोशी ,गणेश दत्त जोशी,नंदा बल्लभ कबड़वाल, गोपाल दत्त सुनाल, दयाकृष्ण कबड़वाल,बद्री दत्त जोशी,मुकेश कबड़वाल, गिरीश कबड़वाल, कातिबलभ सुनाल, गणेश बमेटा खीमानंद दुम्का, भुबन कबडवाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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