साहित्य की देवी कही जाने वाली महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर एमबीपीजी के हिंदी विभाग द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ बीआर पंत व विभागाध्यक्ष डॉ प्रभा पन्त ने महादेवी वर्मा के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
प्रोफ़ेसर बीआर पन्त ने अपने संबोधन में कहा कि महादेवी वर्मा ने हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को नया अर्थ दिया। अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय समाज में महिलाओं के संघर्ष को यथार्थपरक ढंग से व्यक्त किया। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से स्त्री सशक्तीकरण और स्त्री शिक्षा जैसे अहम मुद्दों को प्रोत्साहित किया।डॉ प्रभा पंत ने कहा कि महादेवी जी का घरेलू परिवेश बहुत सुसंस्कृत था। यहीं से उन्होंने साहित्यिक संस्कार आत्मसात किए। उन्होंने सक्रिय तौर पर आजादी की लड़ाई में हिस्सा भले न लिया हो, लेकिन गांधी जी के विचारों का उन पर बड़ा प्रभाव था। इस अवसर पर डॉ नवल लोहनी, डॉ विमला सिंह, डॉ जयश्री भण्डारी, डॉ आशा हर्बोला, डॉ चन्द्रा खत्री, डॉ दीपा गोबाड़ी, डॉ सुरेश टम्टा, डॉ उषा पंत जोशी, डॉ सन्तोष मिश्र, कंचन, प्रकाश बहुगुणा सहित शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ देवयानी भट्ट ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ जगदीश चन्द्र जोशी ने किया।
साहित्य की देवी कही जाने वाली महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर एमबीपीजी के हिंदी विभाग द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -
👉 +91 94109 39999