आगामी तीन वर्षो में जनपद, प्रदेश व देश को क्षयरोग मुक्त करना लक्ष्य है, जनता को टी.बी. के प्रति जागरूक करते हुए मरीजो को चिन्हित कर उन्हें तुरन्त उपचार प्रदान कर हम सभी टी.बी.मुक्त भारत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें, यह बात जिलाधिकारी विनीत कुमार ने विश्व क्षयरोग दिवस पर स्वास्थ विभाग द्वारा आयोजित स्थानीय दीप पैलेस होटल में आयोजित कार्यक्रम में कही।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर जिलाधिकारी विनीत कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व के टी.बी. मरीजों में 25 प्रतिशत टी.बी. मरीज भारत में है, जिसमें मृत्य दर भी अधिक है, इसलिए उन्होंने सभी टी.बी. मरीजों से नियमित दवाऐं लेने की अपील करने के साथ ही कहा खासी होने पर तुरंत चिकित्सालय में जाकर जांच करायें व टी.बी. पुष्टि होने पर नियमित दवाऐं लें, तभी टी.बी से निजात पा सकते है। उन्होंने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को क्षयरोग जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देते हुए चिकित्सको, पैरामेडिकल व आशा वर्कर को प्रशिक्षण देने को कहा, ताकि अधिक से अधिक टी.बी. मरीजो का चिन्हिकरण कर जांच हो सकें। उन्होंने कहा कि टी.बी. वैक्ट्रीयल बीमारी है हवा द्वारा फैलता है, इसलिए जहां पर अधिक जनता निवासरत है, उन क्षेत्रों में जागरूकता एवं जांच शिविर लगायें जाए, ताकि टी.बी. मरीजो को चिन्हित कर उनका उपचार प्रारंभ कर टी.बी. को फैलने से रोका जा सकें। उन्होंने कांटे्रक्ट टे्रसिंग करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि टी.बी.मरीज अभी भी बीमारी छुपाते है, जो गलत है। उन्होंने कहा टी.बी. का शत-प्रतिशत र्इलाज है, इसलिए बीमारी छुपाये नहीं, चकित्सको को बतायें, जिससे इलाज हो सकें। उन्होंने कहा मरीजो को उपचार में अधिक बोझ न पडे इसके लिए सरकार द्वारा मुफ्त जांच, दवाऐं उपलब्ध करायी जाती है। दवाऐ घर-घर जाकर भी दी जाती है साथ ही मरीजो को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, इसलिए मरीज स्वास्थ लाभ उठायें, व टी.बी. रोग उन्मूलन में सहभागी बनें। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सुनीता टम्टा ने कहा कि टी.बी. वैक्ट्रीरियल बीमारी है, इसलिए खांसी होने पर शीघ्र चिकित्सालय में दिखायें व जांच करायें, ताकि जॉच कर दवाऐं प्रारंभ की जा सकें व टी.बी. को फैलने से रोका जा सकें। कार्यक्रम में वरिष्ठ क्षयरोग चिकित्साधिकारी डॉ0 एनएस टोलिया ने कहा कि टी.बी. प्रति जनता में जागरूकता बढ रही है इसलिए जनपद में टी.बी. मरीजों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत को क्षयरोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया गत वर्ष जनपद में 386 टी.बी. मरीज पॉजिटिव चिन्हित थे, जिसमें से 291 मरीज उपचार कर ठीक हो गयें है, शेष मरीजो का उपचार चल रहा है। इस वर्ष जनवरी से मार्च तक 82 टी.बी. पॉजिटिव मरीज चिन्हित किये गयें है जिनको उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार मरीजो को मुफ्त जांच कर दवाऐं उपलब्ध कराती है तथा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत पांच सौ रूपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। सरकार द्वारा जीत (JEET) योजना के अंतर्गत टी.बी. मरीजों को घर-घर जाकर दवाऐं उपलब्ध करायी जाती है। कार्यक्रम में एमओ डॉ0 शिवांगी, जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित तिवारी, मनोज पाठक, देवकी नंदन कुनियाल सहित स्वास्थ विभाग के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रभारी चीफ फर्मासिस्ट हरिप्रसाद द्वारा किया गया।