नामांकन भरने का आज आखिरी दिन, इस दिन से अधिकतम 500 लोगों के साथ कर सकेंगे रैली

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नामांकन करने का आज आखिरी दिन है. 1 फरवरी से नेता 500 लोगों के साथ खुले स्थानों पर जनसभाएं कर सकते हैं. उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 14 फरवरी को होगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.


उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के तहत राजनीतिक दल और उम्मीदवार आज से अधिकतम 500 लोगों के साथ खुले स्थानों पर जनसभाएं कर सकते हैं. चुनाव आयोग ने 22 जनवरी को भौतिक रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था. हालांकि आयोग ने 1 फरवरी से अब 500 लोगों तक की सीमा के साथ भौतिक सभाएं करने की अनुमति दी है.



पौड़ी की 6 सीटों पर 17 नामांकन: उधर पौड़ी जिला मुख्यालय में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर गुरुवार से नामांकन प्रक्रिया में तेजी देखने को मिली. गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता सतपाल महाराज, पौड़ी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नवल किशोर समेत 6 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र जमा कराए. वहीं पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों पर गुरुवार को 17 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र जमा किये.


सतपाल महाराज ने किया नामांकन: भाजपा नेता सतपाल महाराज अपने समर्थकों के साथ पौड़ी पहुंचे. उन्होंने सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र जमा किया. उन्होंने चौबट्टाखाल में विकास के नाम पर वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सतपुली झील व स्युन्सी झील आदि के कार्यों को फिर से साकार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चौबट्टाखाल में सड़कों का जाल बखूबी बिछाया गया है. इस क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की रणनीति तय की जा चुकी है. सतपाल महाराज ने लोगों से लोकतंत्र के महापर्व में अधिक से अधिक मतदान की भी अपील की.

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वहीं पौड़ी सीट के कांग्रेस प्रत्याशी नवल किशोर ने नामांकन के बाद कहा कि लोग भाजपा की नीतियों से त्रस्त हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक ने जिला मुख्यालय पौड़ी को बद से बदतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने जिला अस्पताल पौड़ी को पीपीपी मोड पर दिए जाने का भी विरोध जताया.


नवल किशोर ने कहा कि कांग्रेस व स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने अस्तपाल का निजीकरण किया. जिसका अब जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी. गुरुवार को नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पूर्व आम आदमी पार्टी से दिग्मोहन नेगी व मंजू नेगी, नरेंद्र गिरि, तथा श्रीनगर सीट से आम आदमी पार्टी के नरेंद्र सिंह चौहान ने दूसरे सेट में नामांकन करवाया. वहीं कोटद्वार विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के अरविंद वर्मा तथा ज्योति देवी ने नामांकन पत्र जमा किये.

उत्तराखंड रक्षा मोर्चा से शेखर नेगी तथा निर्दलीय रामेंद्र भंडारी, अरुण पोखरियाल तथा अश्विनी गुसाईं, लैंसडाउन विधानसभा सीट से उत्तराखंड रक्षा मोर्चा पार्टी से रमेश चन्द्र सिंह, उत्तराखंड क्रांति दल से आनंद प्रसाद जुयाल ने नामांकन पत्र जमा किये. कोटद्वार विधानसभा सीट से स्वतंत्र प्रत्याशी, मिशन कोटद्वार पार्टी से सुनील बहुखंडी तथा निर्दलीय महिमा चौधरी तथा यमकेश्वर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से वीरेंद्र प्रसाद ने अपने नामांकन जमा किये. पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों पर गुरुवार को 17 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र जमा किये.

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रैली के लिए 1 फरवरी से 500 लोगों की अनुमति:
उत्तराखंड में राजनीतिक दलों को 1 फरवरी से चुनावी प्रचार में कुछ राहत मिलने जा रही है. यूं तो पहले ही वीडियो वैन के जरिए प्रचार करने की अनुमति राजनीतिक दलों को मिल चुकी है, लेकिन अब 1 फरवरी से राजनीतिक दल 500 लोगों तक की सभाएं कर सकेंगे.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को कुछ राहत दे दी है. वैसे तो 31 जनवरी तक तमाम जनसभा और रैलियों और रोड शो पर रोक लगाई गई है. लेकिन 1 फरवरी से इन बंदिशों में प्रत्याशियों को कुछ छूट दी जा रही है. राजनीतिक दलों या निर्दलीय प्रत्याशी 12 फरवरी मतदान से दो दिन पहले तक जनसभाएं कर सकेंगे. हालांकि इन जनसभाओं में लोगों की मौजूदगी को लेकर अधिकतम सीमा 500 रखी गई है.
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से इस संदर्भ में सभी 5 राज्यों को दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं. इसके तहत यह जनसभाएं खुले मैदान में करनी होंगी. इसकी सीमा अधिकतम 500 या उस मैदान की 50% क्षमता के बराबर होगी. आयोग पहले ही डोर टू डोर प्रचार के लिए भी प्रत्याशियों को राहत दे चुका है. इसमें जहां पहले 5 लोगों को ही प्रचार की अनुमति दी गई थी, फिर संख्या को बढ़ाकर 10 कर दिया गया था.

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इसी तरह चुनाव नजदीक आते ही आयोग भी प्रत्याशियों को राहत दे रहा है. उधर केंद्रीय नेताओं के दौरे भी शुरू हो गए हैं. इस कड़ी में भाजपा की तरफ से अमित शाह उत्तराखंड भी पहुंच रहे हैं. लिहाजा अब बढ़ते प्रचार के शोर के बीच प्रत्याशियों को 500 लोगों तक की जनसभाएं करने का मौका मिलने जा रहा है.

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