नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री से समाचार पत्रों के रजिस्ट्रार कार्यालय में लंबे समय से समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन प्रमाण पत्रों से जुड़े मामलों का अविलंब निस्तारण करने की मांग की

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हरिद्वार। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री से समाचार पत्रों के रजिस्ट्रार कार्यालय में लंबे समय से समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन प्रमाण पत्रों से जुड़े मामलों का अविलंब निस्तारण करने की मांग की है।
यूनियन ओर से भेजे गये ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के समाचार पत्रों के पंजीयन कार्यालय में समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन प्रमाण पत्र से जुड़े अनेक मामले वर्षों/महिनों से लंबित हैं। प्रकाशकों के संशोधित/परिवर्तित और नवीनतम पंजीयन प्रमाण पत्र जारी न होने के कारण प्रकाशकों को अनेक समस्याओं का सामना करने के साथ आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है।

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नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने कहा है कि समाचार पत्र-पत्रिकाओं के स्वामित्व परिवर्तन, प्रकाशक/मुद्रक परिवर्तन, मूल्य, प्रेस, संपादक या पता परिवर्तन जैसे छोटे कार्य जो किसी समय पंद्रह से तीस दिन में निस्तारित हो जाते थे, उनके लिये महिनों व साल तक आरएनआई में लग रहा है। समयबद्ध कार्य न कर उनमें विलंब करना या लटकाये रखना किसी भी दृष्टि से देश और समाजहित में नहीं है।
यूनियन आरोप लगाया है कि विभाग की कार्यशैली से जहां समाचार पत्रों के पंजीयन कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सहित केन्द्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं विभागीय लेट लतीफी का खामियाजा समाचार पत्र/पत्रिकाओं के प्रकाशकों को भुगतना पड़ रहा है। यूनियन की ओर से बताया गया है कि प्रकाशकों से यह भी शिकायत है कि डाक प्राप्ति के बावजूद उनके दस्तावेज मिलने, त्रुटि या संशोधन के बारे में भी आरएनआई की ओर से कोई समयबद्ध सूचना प्रदान नहीं की जा रही है। संपर्क करने पर कह दिया जाता है कि आपके अभिलेख पूरे नहीं हैं।
यूनियन के महासचिव सुनील मेहता ने बताया कि यूनियन ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से अनुरोध किया है कि शिकायत का संज्ञान लेकर समाचार पत्र-पत्रिकाओं के स्वामित्व परिवर्तन, प्रकाशक/मुद्रक परिवर्तन, मूल्य, प्रेस, संपादक या पता परिवर्तन जैसे कार्य अविलंब निस्तारित कर प्रकाशकों को संशोधित/परिवर्तित और नवीनतम पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किये जायें। यूनियन में इसी मामले को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्राय के सचिव और आरएनआई रजिस्ट्रार को को पत्र लिखा है।

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