सरकार को चूना लगा रही रेजिडेंशियल कॉलोनी ‘ पाइन वुड विलाज ‘ की एक और कारस्तानी, पढ़िए – बिजली विभाग की मेहरबानी से किस तरह हो रही बिजली सप्लाई

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रुद्रपुर : काशीपुर रोड पर दानपुर में विकसित हो रही पाइन वुड विलाज की एक और कारस्तानी सामने आ रही है। जमीन की रजिस्ट्री में सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के साथ ही कॉलोनाइजर ने आवासीय कॉलोनी में बिजली सप्लाई का भी नया तरीका ढूंढ लिया। कॉमर्शियल मीटर पर कॉलोनी के आवासीय घरों को सब मीटर के जरिए सप्लाई दी जा रही है। नियमानुसार कॉलोनी का अपना ट्रांसफार्मर होना चाहिए लेकिन सिर्फ औपचारिकता ही पूरी की गई है। औपचारिकता इसलिए क्योंकि बिजली विभाग पूरी तरह से कॉलोनी पर फिदा है और जानबूझकर विभाग के नियमों का उल्लंघन करा रहा है।
आपको बताते चलें कि दानपुर स्थित पाइनवुड विलास के तमाम किस्से सामने आने के बाद यह कॉलोनी खासा सुर्खियों में आ गई है। कृषि कार्य के लिए खरीदी गई भूमि पर जहां कॉलोनाइजर ने लाखों के स्टांप शुल्क की चोरी कर बड़ी कॉलोनी (3.5 एकड़) विकसित कर दी, वही जमीन बेचने वाली अनुसूचित जाति की महिला पुष्पा देवी की आंखों में धूल झोंक कर उसे कॉलोनी में पार्टनर भी दर्शा दिया। मामला सामने आने के बाद अब पुष्पा देवी इस मामले में रेरा और जिला विकास प्राधिकरण में अपनी शिकायत दर्ज करा चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही जिला प्रशासन इस कॉलोनी पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

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खैर, यह मामला अभी चर्चा में बना ही हुआ था कि ताजा मामला इस कॉलोनी में बिजली सप्लाई को लेकर सामने आया है। पता लगा है कि कॉलोनाइजर जगदीश बिष्ट ने कॉलोनी में बिजली सप्लाई का नया फार्मूला खोज लिया। बिजली का एक कॉमर्शियल मीटर अपने कार्यालय के नाम पर लेकर उन्होंने अब एक मीटर से आवासीय घरों को सब मीटर के जरिए सप्लाई देना भी शुरू कर दिया है। जबकि सरकार के नियम के मुताबिक कॉलोनी विकसित होने के साथ ही यहां ट्रांसफार्मर लगाया जाना आवश्यक था। बिजली विभाग की मेहरबानी ही कहेंगे इस पूरे प्रकरण से अब तक अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं।

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सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि बिजली विभाग का एक अधिकारी जगदीश बिष्ट का साझीदार भी है। इस अधिकारी के साझीदार होने के प्रमाण मिलने के बाद हम उसके नाम का भी खुलासा करेंगे। फिलहाल इस कॉलोनी में जमीन लेने वालों की सांसे अटकी हुई हैं। माना जा रहा है कि कॉलोनाइजर की कारस्तानी सामने आने के बाद यहां जमीन की रजिस्ट्री पर रोक भी लग सकती है, साथ ही जिला प्रशासन इस भूमि को सरकार में भी निहित कर सकता है। गेंद जिला प्रशासन, जिला विकास प्राधिकरण और डीआईजी स्टांप के पाले में है तो कार्रवाई पर सभी की निगाहें लगी हुई है।

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आपको बताते चलें कि जिस भूमि पर कॉलोनी विकसित की गई है, वह अनुसूचित जाति की महिला पुष्पा देवी के नाम पर थी जिसकी रजिस्ट्री कृषि कार्य में कराई गई थी जबकि इस पर कॉलोनी का नक्शा पास करा कर प्लॉटिंग शुरू कर दी गई। भू कानूनों के उल्लंघन के साथ ही यह मामला स्टांप चोरी का भी बनता है। पुष्पा देवी पूर्व में सचिव जिला विकास प्राधिकरण और रेरा को कॉलोनी का नक्शा निरस्त करने के लिए शिकायती पत्र दे चुकी हैं। दोनों की ओर से कॉलोनाइजर को तलब भी कर दिया गया है

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