चमोली में चौखंबा-थ्री पर ट्रैकिंग के लिए दो विदेशी महिला पर्यटक फंस गई थी। इसकी जानकारी पर शुक्रवार और शनिवार को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने सर्च अभियान चलाया लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पाया था। दो दिन बाद रविवार सुबह दोनों पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों पर्वतारोहियों के रेस्क्यू में एक डिवाइस ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही फ्रांस के दल के सहयोग के कारण दोनों पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सका है।
चमोली के चौखंबा ट्रैक पर फंसे दोनों विदेशी पर्वतारोहियों दो दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों के रेस्क्यू में पेजर ने अहम भूमिका निभाई है। जब दोनों पर्वतारोही फंस गए तो उन्होंने पेजर के माध्यम से ही तीन अक्तूबर को अपने दूतावास को इसकी जानकारी दी थी। पेजर के माध्यम से ही दोनों ने बताया था कि वो चौखंबा से पहले फंस गए हैं और उनका सामान खाई में गिर गया है।
जिसमें उनका भोजन तथा पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक उपकरण हैं। इनके बिना न वे ऊपर जा सकते हैं और न नीचे आ सकते हैं। इसके बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा इसकी सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को दी गई। जिसके बाद एसडीआरएफ और वायु सेना द्वारा रेस्क्यू शुरू किया गया।
फ्रांस के दल ने रेस्क्यू में निभाई बड़ी भूमिका
वायु सेना और एसडीआरएफ द्वारा लगातार दोनों पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन इसके बावजूद उनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। समय बीतने के साथ ही रेस्क्यू टीम पर दोनों महिलाओं को सुरक्षित बचाने की चुनौती भी बढ़ती जा रही थी। 18 सितंबर को फ्रांस के पांच पर्वतारोहियों का एक दल भी चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए निकला था। दोनों महिलाओं के रेस्क्यू के लिए इस दल की भी सहायता ली गई। आईएमएफ द्वारा 6015 मीटर की ऊंचाई पर दो महिला टै्रकर्स के फंसे होने की जानकारी इस दल को दी गई।
रविवार सुबह दोनों को किया गया सुरक्षित रेस्क्यू
प्रशासन द्वारा फ्रांस के दल को दोनों की संभावित लोकेशन दी गई। जिसके बाद ये दल भी दोनों टै्रकर्स को खोजने में जुट गया और पांच अक्टूबर को देर शाम फ्रांस के पर्वतारोहियों का दल इन तक पहुंचने में सफल रहा। उनके द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया कि दोनों महिलाएं सुरक्षित हैं। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।
उन्होंने राहत और बचाव दलों के साथ अपने कोऑर्डिनेट्स साझा किए और रविवार सुबह लगभग पौने सात बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर जोशीमठ पहुंचा दिया गया। एसडीआरएफ की टीम को भी एडवांस बेस कैंप से हेलीकॉप्टर के जरिए वापस जोशीमठ लाया गया।