उत्तराखंड विश्व में अपनी नैसर्गिक खूबसूरती और , देवभूमि होने के कारण विश्व में प्रसिद्ध है ।
किंतु इन दिनों उत्तराखंड एक और विषय के लिए भी चर्चा में आ रहा है और वह है पाताल- ती नामक फिल्म । दरअसल पाताल टी एक भोटिया जनजाति की लोक कथा है जो कि हिमालई क्षेत्रों की कठिन व जटिल परिस्थितियों के साथ उसकी खूबसूरती को भी बखूबी दर्शाती है । वहीं दूसरी ओर दादा के प्रति पोते के प्यार और स्नेह को भी इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। इस बात पर कोई शंका नहीं है कि इस फिल्म के डायरेक्टर ने इसे बनाने में कड़ी मेहनत , लगन का भरपूर इस्तेमाल किया है ।
संतोष रावत ने इस फिल्म को निर्देशित किया है तो सिनेमैटोग्राफी बिट्टू रावत ग्राम जाखड़ी , कैमरा दिव्यांशु रौतेला सल्ली ,अगस्त्यमुनि ,एसोसिएट प्रोड्यूसर रजत बर्थवाल ग्राम गोरणा तथा एक्सक्यूटिव प्रोड्यूसर गजेंद्र रौतेला की भूमिका बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
करीब 111 देशों की 2548 शॉर्ट फिल्मों में टॉप 14 में आना इन युवाओं की मेहनत और उनके जज्बे के कारण ही हुआ है । ये बहुत ही गर्व की बात है। यदि मुख्य भूमिका की बात की जाए तो उसमें गोपेश्वर के बाल कलाकार आयुष रावत ग्राम लाता के धन सिंह राणा, कमला कुँवर हैं ।
पाताल – ती फ़िल्म ने 39 वे बुसान शार्ट फ़िल्म फेस्टिवल कोरिया में टॉप 40 में फाइनल 14 में अपनी जगह बनाई है । यदि ये फ़िल्म टॉप 14 में से टॉप 1 के लिए चयनित होती है तो ये फिर ऑस्कर के लिए जाएगी । और अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड से अब तक चयनित होने वाली यह पहली फिल्म है। करीब 111 देशो की 2548 शॉर्ट फिल्मों में से पताल – ती फ़िल्म का चयनित होना सम्पूर्ण उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है और और इस फिल्म के कास्ट और क्रू सब मूल रूप से उत्तराखंड के ही है।