मुरादाबाद। कांठ रोड पर दीवान शुगर मिल के सामने मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे साबुन लदे ट्रक ने बुलेट में टक्कर मार दी। हादसे के बाद बुलेट और ट्रक में आग लग गई। जिसमें बुलेट सवार कपड़ा व्यापारी मनोज बजाज के इकलौते बेटे अभिषेक बजाज 23 वर्ष और उसके साथ मौजूद कर्मचारी राहुल कुमार 20 वर्ष की मौत हो गई।
हादसे के समय दोनों हरिद्वार गंगा स्नान करने जा रहे थे
मझोला के मानसरोवर कॉलोनी निवासी मनोज बजाज की बुधबाजार पुलिस चौकी के पास अभिषेक जनरल स्टोर नाम से काॅस्मेटिक के सामान और कपड़े की दुकानें हैं। मंगलवार सुबह मनोज का बेटा अभिषेक कर्मचारी राहुल को साथ लेकर बुलेट से हरिद्वार जा रहे थे। सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के पीएसी नया गांव निवासी राहुल कुमार पुत्र दिनेश कुमार पिछले पांच साल से मनोज की दुकान पर काम कर रहा था।
कांठ रोड पर दीवान शुगर मिल के सामने गन्ने से लदी ट्रॉली को बचाने के चक्कर में छजलैट की ओर से आ रहे साबुन लदे ट्रक ने बुलेट में सामने से टक्कर मार दी। इस टक्कर के बाद तेज धमाका हुआ तो लोग दौड़े। हादसे के बाद राहुल कुमार सड़क किनारे झाड़ियों में जाकर गिरा, उसकी मौत हो गई। हादसे में बुलेट ट्रक के अगले हिस्से में फंस गई। अभिषेक भी उसमें फंसा रह गया। ट्रक चालक बुलेट को दूर तक घसीटता हुआ ले गया। इस बीच बुलेट की पेट्रोल की टंकी फट गई, जिससे बुलेट में आग लग गई। आग तेजी से फैली और ट्रक को भी अपनी चपेट में ले गया। दोनों वाहनों में आग लग गई। जिसमें झुलस कर अभिषेक की मौत हो गई।
सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दोनों वाहन कब्जे में ले लिए गए हैं। चालक की तलाश की जा रही है।
अगवानपुर दीवान शुगर मिल के सामने हुए हादसे के बाद स्थानीय लोग, राहगीरों समेत पीआरवी पुलिस कर्मी मृत युवकों की वीडियोग्राफी करते रहे। हर कोई अपने मोबाइल में कैद कर रहा था। राहुल का शव झाड़ियों में पड़ा था जबकि अभिषेक का शव सड़क किनारे धूल में पड़ा था। लोग पुलिस कर्मियों से कहते रहे कि शवों की जेबों को चेक कर लीजिए ताकि इनके परिवार वालों को सूचना दी जाए लेकिन पुलिस कर्मियों ने किसी की नहीं सुनी और चौकी पुलिस के आने का इंतजार की बात कहकर टाल दिया। इस दौरान पीआरवी कर्मियों 30 मिनट तक भीड़ के साथ मौके पर तमाशबीन बने रहे। उन्होंने लोगों के कहने के बावजूद शवों को हाथ तक नहीं लगाया।