चंपावत। बनबसा के नृशंस दोहरे हत्याकांड के दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों दोषियों पर अलग-अलग सात और 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दोषियों ने साल 2014 में अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट और नर्स की नृशंस हत्या कर दी थी।
जिला एवं सत्र न्यायाशीश कहकशा खान की अदालत ने बनबसा के धस्माना अस्पताल में हुए दोहरे हत्याकांड के दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आठ सितंबर 2014 को नानकमत्ता के खकरा नाले में महिला और पुरुष के मानव अंग मिले थे। मृतकों की पहचान बरेली निवासी विजय पाल गंगवार और निशा शर्मा के रूप में हुई थी। दोनों ही लोग बनबसा के धस्माना अस्पताल में काम करते थे। पुलिस जांच में दोनों की हत्या धस्माना अस्पताल में होने की पुष्टि हुई। अस्पताल के मालिक बनबसा निवासी आशीष धस्माना और कानपुर निवासी इदरिश अहमद ने मिल कर विजयपाल गंगवार और निशा शर्मा के बेरहमी से कई टुकड़े कर खकरा नाले में डाल दिए थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कहकशा खान ने दोनों आरोपियों को 302, 34, 201 और 120 बी के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आशीष धस्माना पर सात लाख रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा होगी। जबकि इदरिश पर 1.75 लाख जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी विद्याधर जोशी ने पैरवी की।