जनपद में विक्री योग्य उपलब्ध भूसे का उपयोग प्रदेश के पशुपालकों के अतिरिक्त व्यापारियों के माध्यम से प्रदेश से बाहर भेजा जा

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रूद्रपुर – पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड शासन द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में विक्री योग्य उपलब्ध भूसे का उपयोग प्रदेश के पशुपालकों के अतिरिक्त व्यापारियों के माध्यम से प्रदेश से बाहर भेजा जा रहा है। साथ ही अन्य कार्यो जैसे ईट-भट्टो, पेपर मिल आदि फैक्ट्रीयों में भी भूसे का प्रयोग किया जाता है जिससे भूसे की दरों में निरन्तर वृद्धि हो रही है एवं प्रदेश के किसानों को महंगी दरों पर भूसा क्रया करना पड़ रहा है। भविष्य में भूसे की दर बढ़ने की सम्भावना है। उक्त को दृष्टिगत रखते हुये यह सुनिश्चित किये जाने के निर्देश जारी हुये है कि जनपद में पशुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में भूसा/चारा उपलब्ध हो।

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जिसके लिये जिला मजिस्टेªट युगल किशोर पन्त ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये जनपद में भूसा/चारा पर निम्न प्राविधानों हेतु तत्काल प्रभाव से आगामी 02 माह तक की अवधी के लिये रोक लगाया है। उन्होने भूसा/चारा को ईट-भट्टो, पेपर मिलों एवं अन्य उद्योगों में इस्तेमाल किये जाने, भूसा विक्रेताओं द्वारा भूसे का अनावश्यक भण्डारण एवं कालाबजारी, जनपद में उत्पादित भूसे को राज्य से बाहर परिवहन किये जाने, जनपद सीमा अन्तर्गत पराली जलाये जाने पर प्रतिबन्ध लगाया है। उन्होने बताया कि जनहित में उक्त आदेश पारित किया गया है। उन्होने बताया है कि इस आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासंगिक प्राविधानों व नियमों के तहत अनुमन्य न होने के कारण भा0द0सं0 की धारा-188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियन्त्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्डनीय है।

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