जीएसटी में पंजीकरण करवाकर फर्जीवाड़ा कर टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों पर कार्यवाही के लिए उत्तराखंड में 15 मई से सर्वे शुरू किया जाएगा। सर्वे में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को भेजी गई संदिग्ध डीलरों व व्यापारियों की लिस्ट का मौके पर जाकर सत्यापन किया जाएगा।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार पहले भी जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चला चुकी है। जिसमें 762 व्यापारियों से 120 करोड़ की टैक्स वसूली की गई थी। वहीं गलत दस्तावेज लगाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने वाले 600 व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
बता दें कि जीएसटी की चोरी करने के लिए कई व्यापारियों और फर्मों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जीएसटी में पंजीकरण कराया है। वहीं, अनेकों व्यापारी शून्य रिटर्न बताकर टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे व्यापारियों व डीलरों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए केंद्र सरकार के दिशानिर्देश पर 15 मई से पूरे प्रदेश में जीएसटी सर्वे शुरू कराने का फैसला लिया गया है।
इसके पहले भी राज्य कर विभाग ने टैक्स जमा नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश में 35,000 ऐसे व्यापारी थे, जो टैक्स जमा नहीं कर रहे थे या शून्य रिटर्न बताकर टैैक्स की चोरी कर रहे थे। अभियान के दौरान विभाग ने 762 व्यापारियों से 120 करोड़ टैक्स की वसूली की है। इसके अलावा 2,561 डीलरों का जीएसटीएन पंजीकरण रद्द किया गया था।