राज्य के ऋषिकेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहां पर एक युवक के द्वारा दिनदहाड़े 12 साल के बच्चे का अपहरण कर दिया गया। बच्चे के अपहरण करने के बाद 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। लेकिन पुलिस ने 5 घंटे के भीतर ही 12 साल के बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपी को बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी भोलाराम को बिजनौर से 5 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद किया गया। पुलिस ने जब पूछताछ की तो आरोपी भोलाराम ने बताया कि करीब 1 साल पहले उसने ऋषिकेश के श्यामपुर में एक व्यक्ति का मकान बनाने का कार्य किया था। धीरे धीरे वो उस व्यक्ति के परिवार से घुल मिल गया। भोलाराम को जानकारी थी कि व्यक्ति के पास बहुत पैसा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब लॉकडाउन के कारण भोलाराम को काम नहीं मिला तो उसने सोचा कि उस व्यक्ति के बेटे का अपहरण कर लिया जाए और उसके पिता से पैसा मांगा जाए। आरोपी उस व्यक्ति के नाबालिग बेटे को खिलौना दिलाने के बहाने अपने साथ ले आया।उसके बाद उसने बच्चे के पिता को फोन किया और कहा कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया है।
इसके बाद उसने 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी और कहा कि अगर 15 लाख रुपए नहीं दिए तो उसके बेटे को जान से मार देगा। दरअसल आरोपी भोलाराम बिहार के चंपारण का रहने वाला है। ऋषिकेश में काफी वक्त से राजमिस्त्री का काम कर रहा था। वह अपने साथ लड़के को बस से लेकर मुरादाबाद जा रहा था। वो मुरादाबाद से ट्रेन के जरिए आगे जाना चाहता था। पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढौंडियाल ने बताया कि पुलिस टीम अपहरणकर्ता के पीछे-पीछे ऋषिकेश से रायवाला होते हुए हरिद्वार, नजीमाबाद, नगीना से धामपुर पहुंची। जहां थाना प्रभारी धामपुर अपनी टीम के साथ धामपुर तिराहे पर चेकिंग कर रहे थे। उनको उपरोक्त घटना का विवरण देकर लोकेशन की जानकारी दी गई व संयुक्त रूप से आने जाने वाले वाहनों को चेक करने लगे। जिस पर लगातार लोकेशन ट्रेस करते हुए नगीना की तरफ से आती हुई एक रोडवेज बस को रोककर चेक किया गया तो उसमें एक व्यक्ति, 13 वर्षीय बच्चे के साथ मिला। उक्त व्यक्ति फोटो से मिलान किया तो वह राजन उर्फ भोला था।