कांग्रेस ने भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनके बयान को महिलाओं का अपमान करार दिया। साथ ही उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाए।
दो टूक कहा कि भाजपा उन्हें तत्काल प्रदेश प्रभारी के पद से हटाए। उनके इस बयान को बेहूदा करार देते हुए इसे ध्यान भटकाने की साजिश भी करार दिया। भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने अपने विवादित बोल पर सफाई दी।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रवक्ता गरिमा दसोनी, सुजाता पॉल ने कहा कि जिस तरह का बयान दुष्यंत गौतम ने दिया है, वो कोई मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही दे सकता है। भाजपा प्रभारी कह रहे हैं कि कांग्रेसी मंदिर में लड़कियां छेड़ने जाते हैं।
इससे उनका मानसिक दिवालियापन पता चलता है। साथ ही भाजपा की असल सोच भी साफ हो जाती है। कहा कि ये पहला मौका नहीं है, जब भाजपा नेताओं के इस तरह के स्तरहीन बयान सामने आए हैं। ऐसे शख्स को तत्काल उत्तराखंड जैसी दूवभूमि के दायित्वों से मुक्त कर देना चाहिए।
गरिमा दसौनी ने कहा कि सरकार पूरी तरह बेपटरी हो गई है। जिन आईपीएस अफसरों पर राज्य की कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा होना चाहिए, वे चौथे तल पर बैठकर सरकार का मैनेजमेंट संभालने में जुटे हुए हैं।
राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को ठिकाने लगाने में लगे हैं। मीडिया को नियंत्रित कर रहे हैं। यही वजह है, जो राज्य में आपराधिक वारदातों में इजाफा हो गया है। अपराधी बेखौफ हो गए हैं।
भाजपा प्रभारी गौतम ने अपने विवादित बोल पर दी सफाई
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने अपने विवादित बोल पर सफाई दी।
कहा कि पूर्व में राहुल गांधी ने मंदिरों में लड़कियों से छेड़छाड़ की बात कही थी, मैंने तो उनकी बात को दोहराया है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री गौतम ने एक दिन पहले कांग्रेसियों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेसी मंदिरों में लड़कियों को छेड़ने जाते हैं। कांग्रेसियों ने उनके इस बोल पर तीखा हमला किया और भाजपा हाईकमान से दुष्यंत गौतम को हटाने की मांग की। बुधवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब गौतम से जब अपने विवादित बोल को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो राहुल गांधी जी की स्टेटमेंट थी कि मंदिरों में लड़कियों को छेड़ने जाते हैं।
जो छेड़ने जाते हैं वे चिढ़ते हैं कि उनकी बात क्यों कह दी। देखो यही विषय रहा होगा, जिस पर उन्होंने अपना वकतव्य दिया होगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर तो हमारे परम पूज्यनीय हैं। मंदिरों के प्रति कांग्रेसियों की आस्था क्या है स्वयं राहुल गांधी ने कहा था कि राम मंदिर है ही नहीं।
यही नहीं यहां तक कहा कि पृथ्वी पर कोई राम नहीं थे। यह राजनीतिक बात नहीं बल्कि कोर्ट में कांग्रेस ने शपथ पत्र देकर दावा किया है। इस पर अगर मैंने उनकी बात को कह दिया तो क्या हुआ। इसके लिए तो राहुल गांधी व कांग्रेसियों को चिंता करनी चाहिए।