देहरादून में उत्तर प्रदेश आवास विकास कॉलोनियों में अवैध निर्माण करने वालों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इन लोगों के खिलाफ अब एमडीडीए कार्रवाई कर सकेगा। आवास एवं विकास परिषद की ओर से आयुक्त आवास ने एमडीडीए सचिव को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। महत्वपूर्ण बात ये है कि एमडीडीए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तो कर सकता है, लेकिन उसे अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं दिया गया है। यूपी आवास विकास की कॉलोनियों में वर्तमान में क्या स्थिति है, ये भी बताते हैं। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के दौरान यूपी आवास विकास की कई कॉलोनियां दून में थी। इनमें मुख्य तौर पर नेहरू कॉलोनी, इंदिरा नगर, दून विहार जाखन और वीरभद्र मार्ग ऋषिकेश शामिल हैं। कॉलोनियों का नियंत्रण आवास विकास परिषद के पास था। अवैध निर्माण के मामलों में परिषद को खुद ही कार्रवाई करनी थी, लेकिन स्टाफ की कमी और तकनीकी दक्षता न होने की वजह से परिषद अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सका।नतीजतन कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ। लोगों ने सड़कें घेरकर मकान खड़े कर लिए। आवासीय परियोजना के तहत आवंटित फ्लैट में अवैध कमरे बना लिए गए। यही हाल अन्य कॉलोनियों का भी है।
परिषद अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने में फेल रहा तो ये जिम्मेदारी एमडीडीए को दे दी, हालांकि इस मामले में एमडीडीए का रिकॉर्ड भी कुछ खास अच्छा नहीं है। एमडीडीए के पास एमडीडीए और दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) क्षेत्र की जिम्मेदारी पहले से है, लेकिन यहां प्राधिकरण की नाक के नीचे खुलेआम अवैध निर्माण हो रहा है। ऐसे में नई जिम्मेदारी मिलने पर एमडीडीए कितनी कार्रवाई करेगा, इसे लेकर कुछ भी कह पाना मुश्किल है। बहरहाल परिषद ने यूपी आवास विकास की कॉलोनियों में अवैध निर्माण के खिलाफ तीन धाराओं में कार्रवाई का अधिकार एमडीडीए को दे दिया है। हालांकि, प्राधिकरण को अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं है। इससे देहरादून की चार कॉलोनियों के हजारों लोग प्रभावित होंगे।