कब लेंगे सबक!, आए दिन हेलीकॉप्टर हो रहे क्रैश, बिगड़ते मौसम के बाद भी क्यों भरी उड़ान?

खबर शेयर करें -


आज का सूरज कई लोगों के जीवन में अंधेरा कर गया 15 जून की सुबह उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ जिसमें एक 23 महिने की बच्ची समेत 7 लोग मारे गए। ये क्रैश (uttarakhand helicopter crash) सिर्फ एक एक्सीडेंट नहीं बल्कि एक प्रेडिक्टेबल सिस्टम फेल्योर है। इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे उड्डयन विभाग और ये प्राइवेट कंपनीज मिलकर आपकी हमारी जान से खिलवाड़ कर रही हैं। चलिए


आज सुबह करीब 5:30 बजे, एक हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी। कुछ ही मिनटों बाद, गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच आर्यन एविएशन कंपनी का ये हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें एक मासूम समेत कुल 7 लोग सवार थे जिसमें सभी की मौत हो गई।

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब कल से ही उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम का अलर्ट था और सब जानते हैं की केदारनाथ में मौसम कितने तेजी से बदलता है तो इसके बावजूद हेलिकॉप्टर ने उड़ान कैसे भरी। सवाल ये भी है की क्या पायलट को पहाड़ी इलाकों का पूरा ज्ञान था भी या नहीं।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड शासन के गृह विभाग ने दो एडिशनल एसपी के कार्य क्षेत्र में किया फेरबदल

Aryan Aviation का था हैलीकॉप्टर
अब ये सब चेक करने के लिए जब हमने Aryan Aviation की वेबसाइट देखी तो हमें कई चौंकाने वाली चीजें मिली।
About Us में जम हमने देखा तो यहां सिर्फ लोगों के नाम थे पद थे। ना कोई फोटो, ना कोई और जानकारी।
सोशल मीडिया लिंक्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब तो कितने किलिक करने के बाद भी नहीं खुले। अब आप सोचिए जिस कंपनी की ऑनलाइन प्रेज़ेंस ऐसी है उसे चारधाम जैसे रास्तों में उड़ान भरने की परमिशन कैसे मिली?

क्या टेंडर देने से पहले Aryan Aviation कंपनी का बैकग्राउंड चेक किया गया था। क्या Aryan Aviation के पास पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरने का पर्याप्त अनुभव है? क्या Aryan Aviation के पायलट्स को हाई-अल्टीट्यूड फ्लाइंग की ट्रेनिंग मिली है? कहीं Aryan Aviation को यहां उड़ान भरने देने में उत्तराखंड के किसी सत्ताधारी को फायदा तो नहीं हो रहा।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में आज बदला रहेगा मौसम , इन जिलों में ओलावृष्टि -आंधी की यलो चेतावनी

इससे पहले भी हुए है हेली क्रैश
वैसे ये उत्तराखंड में हुआ कोई पहला हेली क्रैश नहीं है इससे पहले भी कई हेलीकॉप्टर क्रैश हुए है। पिछले महीने के क्रैश को देखे तो:-

8 मई: गंगोत्री के पास क्रैश — 6 मौतें
12 मई: बद्रीनाथ में हेलिकॉप्टर फिसला
17 मई: एक हेली एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग
7 जून को बड़ासू में हेलीकॉप्टर की एमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी
अब 14 जून को 7 मौतें हो गई
अब भी पिछले हादसों की तरह आज हुए इस हादसे पर भी SOP बनाने की बात की जा रही है। तकनीकी कमेटी बनाने की बात हो रही है हेली सेवाओं को रिव्यू की बात भी कही जा रही है। लेकिन ये उत्तरकाशी के हादसे के बाद भी तो कही गई थी।

यह भी पढ़ें -  नैनीताल में सड़क हादसा : टायर फटने से अनियंत्रित हुई कार, एक्सीडेंट में दंपति की मौत

कब लेंगे सबक? आए दिन हेलीकॉप्टर हो रहे क्रैश
गंगोत्री के पास जो प्लेन क्रैश हुआ था उसके लिए सरकार ने कहा था कि नागर विमानन महानिदेशालय के विशेषज्ञों की टीम इसकी जांच करेगी। जिसके लिए DGCA और नागरिक उड्डयन की टीम ने जांच की भी थी। लेकिन 8 मई वाले क्रैश की कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

इसे लेकर कोई रिपोर्ट आज तक पब्लिक हुई ही नहीं। ये सारी जांच हमेशा की तरह बस हादसों की खानापूर्ती भर बनकर रह जाती हैं। अब सवाल उठने तो लाजमी हैं की अब तक उत्तराखंड में जो हादसे हुए उनसे कुछ क्यों नहीं सीखा गया?

Advertisement

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999