चिंताजनक -उत्तराखंड में बढ़ने लगे अपराधी गतिविधियों के मामले, 72 दिनों में कई हत्याओं के मामले आए सामने

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उत्तराखंड की शांत वादियों में बहुत ही कम अपराधिक गतिविधियां होती थी लेकिन वहीं अब कुछ वर्षों से यहां भी लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। उत्तराखंड के इस सीमांत जनपद की बात करें तो यहां शांत माहौल होने के साथ ही अपराधिक गतिविधियां भी न के बराबर होती थी। इसी वजह से इस जिले को कभी पर्वतीय जिलों में सबसे सुरक्षित माना जाता था। लेकिन, चिंता की बात है कि अब पहाड़ों में अपराध अपनी जड़ें दिन व दिन गहरी करते जा रहा है। हम बात कर रहे है सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की जहां बीते 72 दिनों में ही हत्या जैसे जघन्य अपराध की आठ वारदातें सामने आ चुकी हैं

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72 दिनों में हुई 8 हत्याएं
पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट बुरसुम के चौहरे हत्याकांड ने तो हर किसी को स्तब्ध कर दिया। जिले में बीते मार्च माह के दौरान मुनस्यारी से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे पहले छह मार्च को सरमोली गांव में पहली घटना सामने आई। यहां राजेंद्र उर्फ राजू लस्पाल को चार लोगों ने इतना पीट दिया कि युवक की बाद में इलाज के दौरान मौत ही हो गई। अगली घटना 12 मार्च को नामिक में हुई। यहां बेरीनाग के एक 24 साल के युवक अंकित कुमार की पत्थरों से मारकर हत्या कर दी गई। मामले में पुलिस ने पति-पत्नी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले के एक सप्ताह के भीतर ही जोशा निवासी खीम सिंह की भी हत्या हुई। हत्या का आरोप पुलिस और वन विभाग के दो-दो कर्मियों पर लगा। अप्रैल माह के दौरान भी धारचूला में हत्या का मामला सामने आया। सुवा के खीम तोक में 16 अप्रैल को देवेंद्र सिंह ने अपने चचेरे भाई रूप सिंह की हत्या कर दी। वहीं दो दिन पूर्व गंगोलीहाट के बुरसुम गांव में एक साथ चार महिलाओं की हत्या का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है।

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जिले में बढ़ती वारदातें चिंताजनक
जिले में बढ़ती अपराधिक घटनाओं पर सीनियर सिटीजनों ने चिंता जताई है। लोगों का कहना है कि पहले जनपद में ऐसी घटनाएं न के बराबर होती थी, लोग अपने आप को सुरक्षित समझते थे, लेकिन वर्तमान स्थिति खतरनाक है। एक सभ्य समाज के इन घटनाओं पर रोकथाम लगना बेहद जरूरी है।
जिले में पहली बार हुईं चार हत्या
पिथौरागढ़ जिले में चौहरा हत्याकांड का पहला मामला है। लोगों ने कहा गंगोलीहाट में घटी घटना से पहले सीमांत में कभी एक साथ चार हत्याओं का मामला सामने नहीं आया। वर्ष 2019 में मधूरा क्षेत्र में जरूर एक तिहरा हत्याकांड का मामला सामने आया था

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