देहरादून: लोकसभा चुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी तैयारियों में जुट गई है। ताकि आचार संहिता लागू होते ही बिना विलंब पूरा तंत्र निर्वाचन आयोग के अधीन काम करने को मुस्तैद दिखे। इस दिशा में आयकर विभाग ने भी क्विक रेस्पान्स टीम (क्यूआरटी) गठित कर दी है। टीम में कुल 26 अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो उप निदेशक/सहायक निदेशक इन्वेस्टिगेशन के दिशा-निर्देशन में काम करेंगे।
आयकर विभाग के अपर निदेशक (इन्वेस्टिगेशन) टीएस मपवाल के आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के लिए क्यूआरटी का गठन किया गया है। देहरादून और हरिद्वार को छोड़कर अन्य जिलों में एक टीम में दो आयकर अधिकारी (आइटीओ) नियुक्त किए गए हैं। बड़े जिले और अधिक आवाजाही को देखते हुए देहरादून की क्यूआरटी में दोनों अधिकारी उप निदेशक स्तर के तैनात किए गए हैं।
वहीं, टीम के निर्देशन के लिए भी वरिष्ठ उप निदेशक को नियुक्त किया गया है। हरिद्वार में एक उप निदेशक के साथ आइटीओ को नियुक्त किया गया है। सभी टीम को अभी स्टैंडबाई में रखा गया है, लेकिन आचार संहिता लागू होते ही टीम अपना काम शुरू कर देगी।
कैश पकड़े जाने की स्थिति में जांच की होगी जिम्मेदारी
आचार संहिता लागू होते ही निर्वाचन आयोग की मशीनरी सभी चेकपोस्ट को अपनी निगरानी में ले लेगी। ऐसी दशा में यदि कहीं कैश पकड़ा जाता है तो उसकी जांच यही क्यूआरटी करेगी। आयकर विभाग ही तय करेगा कि पकड़े गए कैश को जब्त करना है या छोड़ना है।
क्यूआरटी इस समन्वय में करेगी काम
सब सेक्टर (जिलावार) बांटी गई क्यूआरटी वरिष्ठ अधिकारियों के समन्वय में काम करेगी। देहरादून, चमोली, हरिद्वार व उत्तरकाशी के लिए देहरादून में तैनात उप निदेशक की नियुक्ति की गई है। इसी तरह अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर के लिए हल्द्वानी में तैनात उप निदेशक की ड्यूटी लगाई गई है। दूसरी तरफ पौड़ी, रुद्रप्रयाग व टिहरी के लिए देहरादून में तैनात एक अन्य उप निदेशक की ड्यूटी लगाई गई है