
युवक की मौत के मामले में छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है। एक साल पहले रुड़की के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव में एक युवक की तालाब में संदिग्ध मौत हुई थी। अब इस मामले में ही एक नया मोड़ आया है। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने तीन नामजद समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।दरअसल ये घटना बीते साल 24 अगस्त की है। मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन ने बताया कि वसीन स्कूटी से अपनी बहने के घर से वापस जा रहा था। इसी बीच माधोपुर में कब्रिस्तान के पास कुछ पुलिसकर्मियों और कुछ अन्य लोगों ने उसे रोका। जिसके बाद लाठ डंडों से पीटना शुरू कर दिया। गोवंश संरक्षण स्क्वॉड के उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे बेरहमी से पीटा।जिसके बाद उसे तालाब में फेंक दिया गया। मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन ने आरोप लगाया कि उसके भाई को इन लोगों ने तालाब से निकलने नहीं दिया। लोग उसे तालाब से निकालने आए तो उन्हें भी गोली से मारने की धमकी दी गई। जिसके बाद सभी लोग फरार हो गए। इसी के चलते उसके भाई की जान चली गई। अगली सुबह तालाब से वसीम का शव निकाला गया। उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान भी थे।परिवार वालों के पुलिस को तुरंत तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। जिसके बाद परिवार वालों ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।ऐसे में इस मामले में गंग नहर कोतवाली पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने अब उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 यानी हत्या के तहत मामला दर्ज कर लिया है।