नई दिल्ली: महरौली स्थित 600 साल पुरानी मस्जिद के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का डीडीए को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति द्वारा दायर एक जरूरी आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
इस मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी। साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि यथास्थिति आदेश केवल उस खसरा नंबर के संबंध में पारित किया गया है, जहां मस्जिद स्थित थी। यह आदेश डीडीए पर आसपास के क्षेत्रों पर कार्रवाई करने में बाधा नहीं बनेगी।
दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति द्वारा 2022 से लंबित याचिका पर दायर किया गया है। बोर्ड की प्रबंध समिति का मामला यह है कि मस्जिद और मदरसा को 30 जनवरी को ध्वस्त कर दिया गया था। डीडीए ने सुनवाई के दौरान पीठ को सूचित किया कि उक्त कार्रवाई धार्मिक समिति की सिफारिशों के अनुसार की गई थी।
बोर्ड के सीईओ को मिला था सुनवाई का अवसर
डीडीए ने यह भी कहा कि उक्त निर्णय लेने से पहले धार्मिक समिति ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को सुनवाई का अवसर दिया था। वहीं, वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की ओर से पेश वकील ने कहा कि धार्मिक समिति के पास किसी भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आदेश देने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।