लालकुआं।
नैनीताल जीले मे काफी लम्बे समय से निजी विद्यालयों द्वारा कैपिटेशन शुल्क एवं एनुअल चार्ज लिये जाने, चिन्हित दुकानों से पुस्तकें खरीदने, एन०सी०ई०आर०टी० के अतिरिक्त अन्य निजी प्रकाशकों की महेंगी पुस्तकें खरीदने का दबाव बनाये जाने सम्बन्धी शिकायत प्राप्त होने पर शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्यवाही कि है। हल्दुचौड़ निवासी समाजसेवी पीयूष जोशी कि शिकायत पर शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को नोटिस जारी करते हुए आगाह किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुच्छेद 13 द्वारा कैपिटेशन शुल्क, कॉशन मनी एवं अनुवीक्षण (स्कीनिंग) पर पूर्णत प्रतिबन्ध लगाया है।
जिसमें प्रभारित पूर्ति व्यक्ति फीस कैपिटेशन के दस गुना तक दण्ड का प्रावधान है। बच्चों के माता-पिता,सरंक्षक स्क्रीनिंग, अनुवीक्षण प्रतिक्रिया पर प्रतिबन्ध, उल्लंघन पर प्रथम बार 25000.00 का तत्पश्चात् प्रत्येक बार 50000.00 तक दण्ड का प्रावधान है।
सथ हि रिट याचिका संख्या/3302/2017 दिनांक 13 अप्रैल 2018 के क्रम में मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय/आदेश के अनुपालन में विद्यालय में एन०सी०ई०आर०टी० की पाठ्य पुस्तकें ही लागू की जाये, यदि छात्रहित में एन०सी०ई०आर०टी० से भिन्न प्रकाशकों की पुस्तकें आवश्यक हों, तो उनका मूल्य एन०सी०ई०आर०टी० की पुस्तकों के समकक्ष होना चाहिए।
अगर किसी भी विद्यालय में उक्त के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की शिथिलता बरती जाती है, तो सम्बन्धित प्रबन्धक / प्रधानाचार्य के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
समाजसेवी पीयूष जोशी ने बताया कि उन्हें विभिन्न माध्यमों से इस बाबत विभिन्न अभिभावकों को छात्रों की लगातार शिकायत आ रही थी जिसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग वह माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय में इस गंभीर समस्या को अवगत कराया इसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया वह सभी विद्यालयों को नोटिस जारी किया साथी उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से फोन पर वार्ता के अनुसार उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर को किसी भी विद्यालय में एनुअल चार्ज , पुस्तक के बाहर से लेने हेतु दबाव आदि कोई भी शिकायत पाई जाती है तो तत्काल शिक्षा विभाग को सूचित करे त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
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