सांई नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों को अहसास ही नहीं था कि मरीज केंद्र में तोड़फोड़ कर फरार हो जाएंगे. संचालकों की यही लापरवाही उन पर भारी पड़ गई और एक साथ 19 मरीज फरार होने में कामयाब हो गए
हल्द्वानी में सांई कृपा फाउंडेशन के गैस गोदाम रोड और कमलुवागांजा में नशा मुक्ति केंद्र संचालित होते हैं. एक में 40 तो दूसरे में 39 मरीजों को रखा गया है. नशा मुक्ति केंद्रों की देखरेख का जिम्मा प्रोजेक्ट डायरेक्टर दुष्यंत आहूजा को दिया गया है. उनके मुताबिक, कमलुवागांजा स्थित केंद्र में इस समय नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ के 39 मरीज रह रहे हैं. इनके रहने के लिए चार कमरे बनाए गए हैं. बताया कि इनमें दमुवाढूंगा और बाजपुर सहित अन्य जगह के चार मरीज आपराधिक प्रवृत्ति के भी रहते थी. इन पर कर्मचारियों की विशेष नजर बनी रहती थी. बताया कि शाम तक सभी मरीजों ने एक साथ टीवी देखी, जिसके बाद वह एक कार्यक्रम में शामिल होने चले गए. बताया जा रहा है कि इसी दौरान इन चार मरीजों ने केंद्र से फरार होने का प्लान बनाया.
एक घंटे के घटनाक्रम में उन्होंने अन्य मरीजों को भी अपने पाले में शामिल कर लिया. आरोपियों ने पहले स्टोर कीपर को पीटा. फिर तोड़फोड़ की. कमरे का दरवाजा तोड़ा और बाहर के कमरे में आकर सिलेंडर से खिड़की तोड़ फरार हो गए. यहां तक कि स्टोर कीपर घटना की सूचना न दे सके, इसके लिए आरोपी उसका मोबाइल तक छीन ले गए. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के फरार होने से जहां हड़कंप मच गया, वहीं केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए हैं. फरार होने वाले आरोपी एक से तीन माह पहले ही नशा मुक्ति केंद्र आए
पुलिस की ओर से भर्ती कराए गए थे कुछ मरीज संचालकों के मुताबिक फरार होने की योजना बनाने वाले मरीजों में कुछ को पुलिस ने भर्ती कराया था. बताया कि दमुवाढूंगा निवासी मरीज ही पूरे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी है, जिसे काठगोदाम पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था. इसके अलावा दो तीन अन्य भी पुलिस के माध्यम से ही भर्ती कराए गए थे.
सड़क पर घूमते रहे फरार मरीज
जानकारी के मुताबिक, नशा मुक्ति केंद्र से बाहर निकलने के बाद काफी देर तक कुछ आरोपी सड़क पर ही घूमते रहे, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें पकड़ सके. सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपी मरीज वहां से फरार हो गए.