आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों ने किसी लाभार्थी से कोरोना के उपचार का पैसा लिया तो यह रकम मरीज को वापस करनी होगी। वह पैसा वापस करने के प्रमाण के साथ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में क्लेम प्रस्तुत कर सकते हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से सभी सूचिबद्ध अस्पतालों को इस बावत निर्देश दिए गए हैं।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने कोरोना मरीजों को दिए जा रहे इलाज की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अभी तक 1200 से अधिक मरीजों को आयुष्मान कार्ड के तहत निश्शुल्क इलाज दिया जा चुका है। उन्होंने मरीजों से भी अपील की कि वे आयुष्मान कार्ड होने पर इलाज के बदले पैसे न दें। कोई अस्पताल पैसा लेता है तो इसकी जानकारी प्राधिकरण की ओर से जारी नंबरों पर दें। उन्होंने आयुष्मान योजना के निदेशक प्रशासन को निर्देश दिए कि सूचिबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए जाएं कि यदि मरीजों से इलाज के बदले पैसे लिए गए हैं तो तत्काल पैसे वापस किए जाएं। मरीज के इलाज के बदले सरकार की ओर से तय दरों पर बिल उपलब्ध कराए जाएं, जिससे प्राधिकरण इसके बदले अस्पतालों को भुगतान कर सके। निदेशक प्रशासन डॉ एके गोयल ने सभी अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा है कि अभी तक उपचारित किए गए किसी भी मरीज से यदि पैसे लिए गए हैं और मरीज अब डिस्चार्ज हो गया है तो उसके भी पैसे लौटाए जाएं और बिल भुगतान के लिए प्राधिकरण को भेजा जाए। अस्पताल इस आशय का प्रमाण भी दें कि मरीज को पैसा वापस कर दिया गया है।जो आयुष्मान कार्डधारक अस्पताल में उपचार ले रहे हैं और अपना आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत नहीं किया है, उनसे कार्ड लेकर लाभार्थी का उपचार आयुष्मान योजना के तहत शुरू करें। चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक कोविड मरीज को आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा जाए और यदि मरीज आयुष्मान कार्ड धारक है तो उसका निश्शुल्क उपचार किया जाए। उन्होंने अस्पतालों को चेतावनी दी कि यदि सरकार और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा:- उपचार के दौरान मरीजों से पैसा लिया, तो देना होगा वापस
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