दिल्ली के बाद अब इस जगह बनेगा केदारनाथ मंदिर, हो गया भूमि पूजन, क्या एक्शन लेगी धामी सरकार
दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ धाम के नाम से बनने वाले मंदिर के निर्माण पर विवाद थमा नहीं था कि अब हैदराबाद के तेलंगना से ठीक इसी तरह का मामला सामने आया है. जी हां तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन किया गया है.
17 जुलाई को तेलंगना के मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में मंदिर का भूमि पूजन किया गया. जिसका संचालन वाराणसी के सुमेरु पीठ जगद्गुरु शंकराचार्य और अयोध्याधाम के महंत कमल नारायण दास महाराज ने किया. केदारनाथ मंदिर के आयोजकों का कहना है कि जो कोई भी चारधाम यात्रा पर जाने में असमर्थ है वह तेलंगना में बनने वाले केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर सकता है.
क्या एक्शन लेगी धामी सरकार ?
बता दें दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के निर्माण का मामला ठंडा नहीं हुआ था कि तेलंगना से भी इस तरह का मामला सामने आया है. 18 जुलाई को ही धामी कैबिनेट ने फैसला लिया था कि उत्तराखंड के चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के नाम का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा. इसे रोकने के लिए धामी सरकार ने कड़ा कानून बनाने का फैसला लिया है।
सीएम धामी ने कैबिनेट बैठक में कहा था कि यदि कोई व्यक्ति इन प्रसिद्ध और पवित्र धामों से मिलते-जुलते नामों को लेकर मंदिर या धाम बनाएगा तो उत्तराखंड सरकार उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी। सीएम ने धर्मस्व विभाग को जल्द एक प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. अब देखने वाली बात होगी की आखिर धामी सरकार तेलंगना में बनने वाले केदारनाथ मंदिर के आयोजकों पर क्या एक्शन लेती है.
संत समाज में था आक्रोश
दिल्ली के बुराड़ी में बनने वाले केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए थे. जिस पर जमकर बवाल मचा था. विपक्ष के साथ-साथ संत समाज ने भी जमकर इसका विरोध किया था. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
शंकराचार्य ने कहा था कि एक निजी ट्रस्ट के द्वारा केदारनाथ धाम नाम से मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में सीएम धामी और विधायकों का उपस्थित होना ठीक नहीं है. इसमें सरकार को विचार करना चाहिए। केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है। यदि वे मंदिर की स्थापना ही करना चाहते हैं तो किसी अन्य नाम से मंदिर स्थापित कर सकते हैं। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने लोगों को जन भावनाओं का आदर करते हुए इस तरह का कृत्य नहीं करने की सलाह दी है।