अल्मोड़ा में 13 जून को बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आने से चार वनकर्मियों की मौत हो गई थी। जबकि चार का दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था। 19 जून को एक वनकर्मी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जबकि एक और वनकर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बता दें बिनसर वनाग्नि हादसे में मरने वालों की संख्या अब छह हो गई है।
13 जून को वनाग्नि की सूचना पर आठ वनकर्मी वनाग्नि नियंत्रण के लिए गए थे। कुछ किलोमीटर पहले विन्सर महादेव मंदिर के आगे चार वनकर्मी वाहन से उतर गए और पहाड के नीचे वनाग्नि की स्थिति देखने लगे। इस दौरान अचानक तेज हवाओं के साथ आग की चपेट में आए चार वनकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चार वनकर्मी घायल हो गए थे।
घायलों का दिल्ली एम्स में चल रहा इलाज
चारों वनकर्मियों का सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां से सभी को हायर सेंटर एम्स दिल्ली रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान वनकर्मी कृष्ण कुमार (21) ने 19 जून को दम तोड़ दिया था। वहीं रविवार सुबह कुंदन नेगी (44) की उपचार के दौरान मौत हो गई। बता दें कुंदन अपने पीछे अपनी पत्नी गंगा 13 साल के बेटे सुमित और बेटी प्रीति (13) को छोड़ गए हैं।
पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
बताते चलें कुंदन की मौत की खबर सबसे पहले वन विभाग और ग्रामीणों की मिली थी। लेकिन कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पाया की उसकी पत्नी और बच्चों को इसकी जानकारी दे सके। देर शाम होते होते होते जब गंगा को पति की मौत की खबर मिली तो गंगा बदहवास हो गई। वहीं बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।