बासमती धान मैं रोग नियंत्रण के लिए कार्बेंडाजिम फफूंदी नाशक दवा का प्रयोग करें__ बीकेएस यादव

खबर शेयर करें -

नैनीताल – कृृृषि अधिकारी बी0के0एस0यादव ने बताया कि बासमती धान में ट्राईसाइक्लेजोल एवं अन्य कीटनाशी के अवशेष मैक्सिमम रेजीडयू लेवल से अधिक पाये जाने के कारण यूरोपीय देशों को बासमती धान का निर्यात वर्ष 2020-21 के मुकाबले वर्ष 021-22 में 15 प्रतिशत कम हुआ है। उन्होने जनपद के समस्त बासमती उत्पादक कृषक बंधुओं से अपील की है कि धान की फसल में झोंका रोग के नियंत्रण हेतु ट्राईसाइक्लेजोल फफंूदनाशक के स्थान पर कार्बण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू0पी0की 500ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त धान एवं अन्य फसलों में कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु फसल बुवाई से पूर्व बीज शोधन, भूमि शोेधन, जड़ शोधन एवं खड़ी फसल में कीट एवं रोगों का नियंत्रण जैविक विधि एवं आई.पी.एम. पद्धति से करें। उन्होने बताया कि किसी भी फसल में संस्तुत की गयी मात्रा से अधिक कीट/व्याधि नाशकों का प्रयोग न करें। कीट रोग के नियंत्रण के संबंध में अधिक जानकारी हेतु अपने निकटतम कृृषि विज्ञान केन्द्र/कृृषि निवेश केन्द्र/कृृषि कार्यालय में कार्य दिवस मे संपर्क कर सकते है।
अपर जिला सूचना अधिकारी नैनीताल।
7055007024

Advertisement
यह भी पढ़ें -  किराया माफ करने के एवज में शारीरिक संबंध की डिमांड, ऐसे धरा गया

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999